सुप्रीम कोर्ट...
नई दिल्ली:
देश की राजधानी नई दिल्ली की मानसिंह रोड पर स्थित ताज होटल की लीज से जुड़े मामले में नई दिल्ली नगरपालिका परिषद, यानी एनडीएमसी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि वह टाटा ग्रुप का लाइसेंस आगे नहीं बढ़ा सकती और होटल की नीलामी करने का फैसला लिया है. एनडीएमसी का कहना है कि वह ताज होटल की ई-ऑक्शन कराना चाहती है. इस पर कोर्ट ने टाटा ग्रुप की इंडियन होटल कंपनी लिमिटेड (आईएचसीएल) से कहा है कि अगर उन्हें कोई आपत्ति है, तो वह एक हफ्ते में जवाब दाखिल करे. मामले में अगली सुनवाई 22 मार्च को होगी.
दरअसल, 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने एनडीएमसी को टाटा ग्रुप की लीज़ न बढ़ाने के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा था. कोर्ट ने कहा था कि मामले में एनडीएमसी ने सही कार्रवाई नहीं की और कानूनी अधिकारियों की राय को दबाया, जिसमें टाटा ग्रुप की लीज़ बढ़ाने को कहा गया था.
उस समय सुप्रीम कोर्ट ने एनडीएमसी को छह हफ्ते में फैसला करने कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने यह भी कहा था कि होटल की नीलामी के लिए टाटा ग्रुप को पहले मौका दिया जाना चाहिए, और अगर वह लाइसेंस के लिए नीलामी में तय रकम न दे पाए, तो इसके बाद जो बड़ी बोली लगाए, उसे लीज़ दी जाए.
गौरतलब है कि इससे पहले मानसिंह रोड पर बने ताज होटल की नीलामी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश दिए थे, जिससे नीलामी रुक गई थी, और आईएचसीएल को राहत मिली थी. उस वक्त कोर्ट ने एनडीएमसी की मांग को दरकिनार कर दिया था.
दरअसल, 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने एनडीएमसी को टाटा ग्रुप की लीज़ न बढ़ाने के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा था. कोर्ट ने कहा था कि मामले में एनडीएमसी ने सही कार्रवाई नहीं की और कानूनी अधिकारियों की राय को दबाया, जिसमें टाटा ग्रुप की लीज़ बढ़ाने को कहा गया था.
उस समय सुप्रीम कोर्ट ने एनडीएमसी को छह हफ्ते में फैसला करने कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने यह भी कहा था कि होटल की नीलामी के लिए टाटा ग्रुप को पहले मौका दिया जाना चाहिए, और अगर वह लाइसेंस के लिए नीलामी में तय रकम न दे पाए, तो इसके बाद जो बड़ी बोली लगाए, उसे लीज़ दी जाए.
गौरतलब है कि इससे पहले मानसिंह रोड पर बने ताज होटल की नीलामी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश दिए थे, जिससे नीलामी रुक गई थी, और आईएचसीएल को राहत मिली थी. उस वक्त कोर्ट ने एनडीएमसी की मांग को दरकिनार कर दिया था.
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