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This Article is From Jan 29, 2016

असम की कांग्रेस सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका, सख्त टिप्पणियां भी कीं

असम की कांग्रेस सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका, सख्त टिप्पणियां भी कीं
नई दिल्ली: असम की कांग्रेस सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बडा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री की करीब 500 करोड़ रुपये की कल्याणकारी योजना पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य मे चुनाव से पहले शुरू की गई योजनाओं पर सवाल उठाते हुए सरकार पर सख्त टिप्पणियां भी कीं।

राज्य में मई में चुनाव होने हैं। मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की बेंच ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रशासनिक आदेशों के तहत इस तरह जनता के सैंकडों करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि लगता है कि ये योजनाएं चुनाव को ध्यान में रखते हुए ही शुरू की गई हैं। सरकार की डयूटी है कि वह ऐसी योजनाओं से पहले ऐसी पारदर्शी प्रक्रिया लाएं, जिससे कल्याणकारी योजनाओं का लाभ गरीब से गरीब लोगों तक भी पहुंच सके।

यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि जरूररतमंद लोगों तक इन योजनाओं का लाभ पहुंचे। सरकार गांव-गांव जाकर ऐसे लोगों की तलाश करे। कोर्ट ने सरकार की ओर से पेश कपिल सिब्बल की इस बात पर भी ऐतराज जताया कि ऐसा कोई सांइटिफिक तरीका नहीं है, जिससे पता लगाया जा सके कि किन लोगों को जरूरत है। कोर्ट ने कहा कि सरकार को जरूरतमंद लोगों का पता लगाना ही होगा। कोर्ट ने कहा कि जो बेघर हैं, क्या वह इसके लिए सुप्रीम कोर्ट आ सकता है।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट एक NGO की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें असम में मुख्यमंत्री की विशेष कल्याण योजना पर रोक लगाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि ये योजना भ्रष्टाचार और सत्तारूढ़ पार्टी के अपने नजदीकी लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए है। इससे पहले गुवाहाटी हाईकोर्ट ने योजना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। यह योजना अगस्त 2015 में शुरू की गई है और इसके तहत राज्य में विधवाओं, महिला स्वंयसेवी ग्रुप, पेंशनधारी और बेघर लोगों को आर्थिक मदद दी जाती है।

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सुप्रीम कोर्ट, असम कांग्रेस, 500 करोड़ की योजना, Supreme Court, Assam Congress