
सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सरकार से जम्मू एवं कश्मीर के बाढ़ पीड़ितों को राहत, बचाव एवं पुनर्वास अभियान को समन्वय करने के लिए एक एकीकृत एजेंसी के गठन पर विचार करने को कहा है। राज्य में बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं।
अदालत ने यह सुझाव वसुंधरा पाठक मसूदी द्वारा दायर पीआईएल और जम्मू एवं कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। याचिकाओं में राहत एवं बचाव और पुनर्वास में अदालत से अविलंब हस्तक्षेप की मांग की गई थी।
यह उल्लेख करते हुए कि इस बात में कहीं से भी संदेह नहीं है कि इस आपदा को लेकर सरकार चिंतित है, प्रधान न्यायाधीश आरएम लोढ़ा, न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ और न्यायमूर्ति रोहिंटन फाली नारिमन की पीठ ने कहा, "भारत सरकार को बचाव, राहत और पुनर्वास अभियान के उचित समन्वय के लिए एकीकृत एजेंसी बनाने पर भी विचार करना चाहिए।"
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