नई दिल्ली:
बीजेपी ने संकेत दिए हैं कि वह राम जेठमलानी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है। जेठमलानी पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी का इस्तीफा मांग चुके हैं और सीबीआई के नए निदेशक की नियुक्ति पर पार्टी के रुख से सार्वजनिक रूप से असहमति जताई है।
पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा, जेठमलानी बीजेपी अध्यक्ष के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं और अब विपक्ष के दोनों नेताओं (सुषमा स्वराज और अरुण जेटली) के खिलाफ बातें कहीं हैं। हम इनके खिलाफ उनके आरोपों का पूरी तरह खंडन करते हैं। पार्टी ने उनके बयानों का कड़ा संज्ञान लिया है और उचित समय पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नितिन गडकरी को शनिवार को लिखे एक पत्र में जेठमलानी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली की इस बात के लिए आलोचना की कि उन्होंने सीबीआई के नए प्रमुख के रूप में रंजीत सिन्हा की नियुक्ति के खिलाफ प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।
सुषमा और जेटली ने उल्लेख किया कि लोकपाल पर राज्यसभा की प्रवर समिति की इस सर्वसम्मत सिफारिश के बावजूद सिन्हा की नियुक्ति की गई है कि सीबीआई निदेशक कॉलेजियम द्वारा नियुक्त किया जाना चाहिए। शाहनवाज हुसैन ने कहा, जेठमलानी ने बीजेपी अध्यक्ष को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने सुषमा और जेटली के खिलाफ बातें कही हैं। बीजेपी अपने नेताओं के खिलाफ उनके आरोपों का खंडन करती है। उनके आरोप निराधार हैं और इनसे सिर्फ कांग्रेस को मदद मिलेगी।
गडकरी से सार्वजनिक रूप से इस्तीफा मांगकर बीजेपी को पहले भी शर्मिंदा कर चुके जेठमलानी ने पार्टी को उस समय एक बार फिर असहज कर दिया, जब उन्होंने सीबीआई के नए निदेशक की नियुक्ति की आलोचना करने वाले संसद के सदनों में विपक्ष के नेता सुषमा स्वराज और अरूण जेटली पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार के फैसले ने 'राष्ट्रीय आपदा' को टाल दिया।
बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी को भेजे गए पत्र में जेठमलानी ने कहा, मैं इस बात को पढ़कर आश्चर्यचकित हूं कि बीजेपी ने प्रधानमंत्री और कांग्रेस पार्टी पर हमला बोला है, जिसे पार्टी सीबीआई निदेशक के तौर पर रंजीत सिन्हा की नियुक्ति को फास्ट ट्रैक नियुक्ति बताती है। पत्र की प्रतियां प्रधानमंत्री और मीडिया को भी भेजी गई हैं।
जेठमलानी ने कहा, मैं खेद प्रकट करता हूं कि यह आलोचना प्रासंगिक तथ्यों की पूर्ण अनदेखी का नतीजा है और इसे सर्वाधिक अवांछित प्रतिद्वंद्वी ने उकसाया है, जिसे नियुक्ति के फलस्वरूप कैट के पास से अपनी याचिका वापस लेनी पड़ी थी।
पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा, जेठमलानी बीजेपी अध्यक्ष के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं और अब विपक्ष के दोनों नेताओं (सुषमा स्वराज और अरुण जेटली) के खिलाफ बातें कहीं हैं। हम इनके खिलाफ उनके आरोपों का पूरी तरह खंडन करते हैं। पार्टी ने उनके बयानों का कड़ा संज्ञान लिया है और उचित समय पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नितिन गडकरी को शनिवार को लिखे एक पत्र में जेठमलानी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली की इस बात के लिए आलोचना की कि उन्होंने सीबीआई के नए प्रमुख के रूप में रंजीत सिन्हा की नियुक्ति के खिलाफ प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।
सुषमा और जेटली ने उल्लेख किया कि लोकपाल पर राज्यसभा की प्रवर समिति की इस सर्वसम्मत सिफारिश के बावजूद सिन्हा की नियुक्ति की गई है कि सीबीआई निदेशक कॉलेजियम द्वारा नियुक्त किया जाना चाहिए। शाहनवाज हुसैन ने कहा, जेठमलानी ने बीजेपी अध्यक्ष को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने सुषमा और जेटली के खिलाफ बातें कही हैं। बीजेपी अपने नेताओं के खिलाफ उनके आरोपों का खंडन करती है। उनके आरोप निराधार हैं और इनसे सिर्फ कांग्रेस को मदद मिलेगी।
गडकरी से सार्वजनिक रूप से इस्तीफा मांगकर बीजेपी को पहले भी शर्मिंदा कर चुके जेठमलानी ने पार्टी को उस समय एक बार फिर असहज कर दिया, जब उन्होंने सीबीआई के नए निदेशक की नियुक्ति की आलोचना करने वाले संसद के सदनों में विपक्ष के नेता सुषमा स्वराज और अरूण जेटली पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार के फैसले ने 'राष्ट्रीय आपदा' को टाल दिया।
बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी को भेजे गए पत्र में जेठमलानी ने कहा, मैं इस बात को पढ़कर आश्चर्यचकित हूं कि बीजेपी ने प्रधानमंत्री और कांग्रेस पार्टी पर हमला बोला है, जिसे पार्टी सीबीआई निदेशक के तौर पर रंजीत सिन्हा की नियुक्ति को फास्ट ट्रैक नियुक्ति बताती है। पत्र की प्रतियां प्रधानमंत्री और मीडिया को भी भेजी गई हैं।
जेठमलानी ने कहा, मैं खेद प्रकट करता हूं कि यह आलोचना प्रासंगिक तथ्यों की पूर्ण अनदेखी का नतीजा है और इसे सर्वाधिक अवांछित प्रतिद्वंद्वी ने उकसाया है, जिसे नियुक्ति के फलस्वरूप कैट के पास से अपनी याचिका वापस लेनी पड़ी थी।
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