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This Article is From Feb 27, 2020

दिल्ली हिंसा : राष्ट्रपति से मिले कांग्रेस के नेता, 'राजधर्म' बचाने की अपील, अमित शाह को हटाने की मांग

दिल्ली हिंसा मामले में कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने राष्ट्रपति कोविंद को ज्ञापन सौंपकर विरोध दर्ज कराया है.

दिल्ली हिंसा : राष्ट्रपति से मिले कांग्रेस के नेता, 'राजधर्म' बचाने की अपील, अमित शाह को हटाने की मांग
दिल्ली हिंसा पर कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति कोविंद को ज्ञापन सौंपा है
नई दिल्ली:

दिल्ली हिंसा मामले में कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने राष्ट्रपति कोविंद को ज्ञापन सौंपकर विरोध दर्ज कराया है. राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने के बाद सोनिया गांधी  ने कहा कि हमने नागरिकों के जीवन, आजादी और संपत्ति को सुरक्षित करने की मांग की है. इसके साथ ही यह भी मांग करते हैं कि गृहमंत्री को हिंसा काबू न कर पाने पर पद से तुरंत हटाया जाए.  वहीं पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा,  'हमने राष्ट्रपति से अपील की है कि वह अपनी शक्ति का इस्तेमाल करके 'राजधर्म' की रक्षा करें. मनमोहन सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति से मिलकर पिछले चार दिनों दिल्ली में जो कुछ भी हुआ उस पर चिंता जताई है और यह शर्म की बात है कि 34 लोगों की मौत और 200 लोग घायल हो गए हैं. ये बताता है कि सरकार किस तरह से असफल हो गई है. 

आपको बता दें कि दिल्ली हिंसा मामले में अब तक हुई जांच में पाया गया है कि दोनों समुदायों में कुछ वाट्सऐप ग्रुप बनाए गए थे. इनमें वीडियो डाल कर लोगों को भड़काया गया और भड़काऊ मैसेज फॉरवर्ड किए गए थे. इसके अलावा पथराव किस इलाके में करना है इसको भी इन ग्रुप के जरिए बताया जा रहा था. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक 50 से ज्यादा मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं. वहीं छानबीन में पता चला है कि उत्तर प्रदेश सीमा यानी यूपी बॉर्डर से भी देसी कट्टों का इंतजाम किया गया था और हिंसा में इनका जमकर इस्तेमाल किया गया है. वाट्सएप ग्रुप का इस्तेमाल करके स्थानीय लोगों ने यूपी बॉर्डर से अपराधियों को भी बुलाया. फिलहाल पुलिस सीसीटीवी फुटेज में स्थानीय नेताओं को भी तलाश रही है. साइबर सेल फेसबुक और ट्विटर के जरिए लोकेशन की भी तलाश कर रही है. पुलिस को यह भी पता चला है कि कुछ लोकल गैंग भी इस हिंसा में सक्रिय थे. पुलिस जांच के साथ-साथ कानून व्यवस्था को बनाए रखने में भी फोकस कर रही है.

दूसरी ओर दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस एस मुरलीधर के तबादले पर केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है. बुधवार को हुई हिंसा के मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एस मुरलीधर ने बीजेपी नेताओं की भड़काऊ बयानबाजी पर कार्रवाई न करने पर पुलिस को फटकार लगाई थी. जारी हुए नोटिफिकेशन के मुताबिक उनका दिल्ली से बाहर पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट तबादला कर दिया गया. हालांकि कॉलेजियम ने दो हफ़्ते पहले ही 12 फ़रवरी को उनके तबादले की सिफ़ारिश की थी. लेकिन सरकार ने कल जब इस पर मुहर लगाई तो टाइमिंग पर सवाल उठने लगे.


 

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