गुड़गांव:
फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने सोमवार को कहा कि उनका देश अगले पांच साल में सौर ऊर्जा के विकास के लिए 30 करोड़ यूरो आवंटित करेगा। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन 'मानवता के लिए जीवनदायिनी' के रूप में काम करेगा।
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के मुख्यालय की आधारशिला रखने तथा आईएसए के एक अंतरिम सचिवालय के उद्घाटन को लेकर आयोजित एक समारोह में पीएम मोदी ने कहा कि यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) तथा संयुक्त राष्ट्र जैसा संगठन होगा, लेकिन इसका मुख्यालय भारत में होगा। उन्होंने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन मानवता के लिए जीवनदायिनी के रूप में कार्य करेगा।'
इस मौके पर मौजूद ओलांद ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के अंतरिम सचिवालय के उद्घाटन और आईएसए के मुख्यालय की आधारशिला रखने के समारोह में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, 'फ्रेंच डेवलपमेंट एजेंसी अगले पांच सालों में सौर ऊर्जा के विकास से जुड़ी शुरुआती परियोजनाओं के लिए 30 करोड़ यूरो आवंटित करेगी।'
आईएसए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल है। इसकी शुरुआत बीते साल 30 नवंबर को पेरिस पर्यावरण सम्मेलन से पहले मोदी और ओलांद ने पेरिस में की थी। यह कर्क और मकर रेखा के उष्णकटिबंध पर स्थित लगभग 120 देशों का संगठन है।
ओलांद ने कहा, 'शुरुआती परियोजनाओं को जल्द से जल्द शुरू किया जाना चाहिए। भारत ने मुख्यालय की पेशकश की। कुछ दिन पहले अबूधाबी में पहली बैठक हुई। वास्तविक नतीजे हासिल करने के लिए गठबंधन को अपना काम बिना किसी देरी के शुरू कर देना चाहिए।'
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के मुख्यालय की आधारशिला रखने तथा आईएसए के एक अंतरिम सचिवालय के उद्घाटन को लेकर आयोजित एक समारोह में पीएम मोदी ने कहा कि यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) तथा संयुक्त राष्ट्र जैसा संगठन होगा, लेकिन इसका मुख्यालय भारत में होगा। उन्होंने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन मानवता के लिए जीवनदायिनी के रूप में कार्य करेगा।'
इस मौके पर मौजूद ओलांद ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के अंतरिम सचिवालय के उद्घाटन और आईएसए के मुख्यालय की आधारशिला रखने के समारोह में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, 'फ्रेंच डेवलपमेंट एजेंसी अगले पांच सालों में सौर ऊर्जा के विकास से जुड़ी शुरुआती परियोजनाओं के लिए 30 करोड़ यूरो आवंटित करेगी।'
आईएसए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल है। इसकी शुरुआत बीते साल 30 नवंबर को पेरिस पर्यावरण सम्मेलन से पहले मोदी और ओलांद ने पेरिस में की थी। यह कर्क और मकर रेखा के उष्णकटिबंध पर स्थित लगभग 120 देशों का संगठन है।
ओलांद ने कहा, 'शुरुआती परियोजनाओं को जल्द से जल्द शुरू किया जाना चाहिए। भारत ने मुख्यालय की पेशकश की। कुछ दिन पहले अबूधाबी में पहली बैठक हुई। वास्तविक नतीजे हासिल करने के लिए गठबंधन को अपना काम बिना किसी देरी के शुरू कर देना चाहिए।'
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