यह ख़बर 09 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

मप्र के पूर्व मंत्री राघवजी गिरफ्तार, जेल भेजे गए

खास बातें

  • मध्य प्रदेश में नौकर के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने के मामले में फरार चल रहे राज्य के पूर्व वित्त मंत्री राघवजी को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार करने के बाद न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने उन्हें 22 जुलाई तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
भोपाल:

मध्य प्रदेश में नौकर के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने के मामले में फरार चल रहे राज्य के पूर्व वित्त मंत्री राघवजी को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार करने के बाद न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने उन्हें 22 जुलाई तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।

राघवजी को पुलिस ने कोहेफिजा क्षेत्र से एक आवास से गिरफ्तार किया। राघवजी से हबीबगंज थाने में पुलिस ने पूछताछ की, उसके बाद उन्हें चिकित्सकीय परीक्षण के लिए हमीदिया अस्पताल ले जाया गया।
 
राघवजी का लगभग दो घंटे तक चिकित्सकीय परीक्षण चला और उसके बाद न्यायालय लाकर उन्हें मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश किया गया। न्यायाधीश ने उन्हें 22 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया।

हाई प्रोफाइल मामले के चलते न्यायालय परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी और किसी को भी न्यायालय के भीतर नहीं जाने दिया गया।

भोपाल उत्तर के पुलिस अधीक्षक अरविंद सक्सेना ने संवाददाताओं को बताया है कि पुलिस को सोमवार रात से सूचना मिल रही थी कि राघवजी कोहेफिजा इलाके में छुपे हुए हैं। सूचना के आधार पर पुलिस ने कई मकानों की तलाशी ली थी।

मंगलवार को राघवजी के एक बहुमंजिले भवन राशिप्रभा अपार्टमेंट के आवास संख्या 102 में होने की सूचना मिली, जिस पर पुलिस ने दबिश दी। आवास में बाहर से ताला लगा था। ताला तोड़कर पुलिस ने राघवजी को गिरफ्तार कर लिया।

वहीं राघवजी के अधिवक्ता पुरुषोत्तम पंजवानी ने संवाददाताओं से कहा कि राघवजी को गिरफ्तार नहीं किया गया है, बल्कि उन्होंने आत्मसमर्पण किया है। राघवजी ने खुद पुलिस को सूचना देकर बुलाया था जबकि पुलिस इससे इनकार कर रही है।

मालूम हो कि राघवजी के घरेलू नौकर राजकुमार दांगी ने आरोप लगाया है कि मंत्री महोदय उसके साथ जबरन अप्राकृतिक कृत्य करते थे, जिसकी उसने सीडी भी बनाई है। पुलिस ने राघवजी के खिलाफ रविवार को मामला दर्ज कर लिया था।

दांगी और घनश्याम कुशवाहा नामक एक अन्य व्यक्ति ने पुलिस को दिए शिकायत पत्र में राघवजी के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इस मामले के तूल पकड़ने पर राघवजी को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

शिकायत पत्र देने के बाद राजकुमार व घनश्याम भूमिगत हो गए थे। रविवार सात जुलाई को दोनों ने थाने पहुंचकर राघवजी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। इसके बाद भाजपा ने राघवजी को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया।

इससे पहले भाजपा के एक नेता शिवशंकर पटैरिया ने राघवजी की एक नहीं 22 सीडी होने का दावा किया। उन्हें पार्टी ने राघवजी के निष्कासन से पहले निलंबित कर दिया था।

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राजकुमार ने राघवजी के अलावा उनके दो कर्मचारियों -शेरसिंह व सुरेश सिंह चौहान- पर भी आरोप लगाया है कि ये दोनों भी उसके साथ अनैतिक कृत्य करते थे।