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This Article is From Aug 14, 2019

Ground Report: ऑटोमोबाइल सेक्टर की मंदी ने ले ली लाखों नौकरियां, फरीदाबाद और गुरुग्राम में हालत खस्ता

Auto Sector Slowdown: ऑटो मोबाइल सेक्टर में 25 लाख से भी ज्यादा लोग सीधे तौर पर काम करते हैं जब की इतने के करीब लोग परोक्ष रूप से इस सेक्टर से जुड़े हुए हैं.

Ground Report: ऑटोमोबाइल सेक्टर की मंदी ने ले ली लाखों नौकरियां, फरीदाबाद और गुरुग्राम में हालत खस्ता
प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:

Auto Sector Slowdown: देश में ऑटोमोबाइल सेक्टर बीते कुछ समय से मंदी की मार झेल रहा है. मंदी का असर कितना भयावह है कि इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले तीन महीनों में ही ऑटो सेक्टर में 10 से 15 प्रतिशत के करीब बिक्री में कमी आई है. फेडरेशन ऑफ़ ऑटो डीलर्स एसोसिएशन का कहना है की मंदी की वजह से पिछले तीन महीने में दो लाख से ज्यादा लोगों की नौकरी जा चुकी है. बता दें कि जिन दो लाख लोगों की नौकरी गई है वो इस सेक्टर से सीधे तौर पर जुड़े हुए थे. ऑटो मोबाइल सेक्टर में 25 लाख से भी ज्यादा लोग सीधे तौर पर काम करते हैं जब की इतने के करीब लोग परोक्ष रूप से इस सेक्टर से जुड़े हुए हैं. देश के अंदर 26000 से ज्यादा ऑटोमोबाइल शो रूम हैं जिनमें से 271 से ज्यादा बंद हो चुके हैं. इन शो रूम में काम करने वाले 32000 से ज्यादा लोग अपना नौकरी खो चुके हैं. 

ऑटोमोबाइल सेक्‍टर में संकट गहराया, 10 लाख नौकरियों पर मंडराया खतरा

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पैसेंजर गाड़ियों पर असर ज्यादा
मंदी का सबसे ज्यादा असर पैसेंजर गड़ियों के बिक्री पर पड़ा है. जुलाई में करीब 31 प्रतिशत पैसेंजर गाड़ियों की बिक्री कम हुई है. पिछले साल जुलाई में कुल-मिलाकर 2,90,391 पैसेंजर गाड़ियां बिकी थीं. जबकि इस साल यह संख्या 2,00,790 रह गई है. सियाम के रिपोर्ट के हिसाब से जुलाई में हौंडा के पैसेंजर गाड़ियों की बिक्री लगभग 49 प्रतिशत कम हो गई है.जुलाई 2018 में हौंडा के कुल मिलाकर 19970 पैसेंजर गाड़ियों की बिक्री हुई थी जब की जुलाई 2019 में यह कम होकर 10250 रह गई. टाटा मोटर्स के पैसेंजर गाड़ियों की बिक्री 46 प्रतिशत कम हुई है. जुलाई 2018 में टाटा मोटर्स के 19410 गाड़ियों की बिक्री हुई थी जब की जुलाई 2019 में यह कम होकर 10485 रह गई.

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फ़रीदाबाद और गुरुग्राम में कई शो रूम हुए बंद
फ़रीदाबाद- मथुरा रोड के बीच अलग अलग गाड़ियों की कई शो रूम देखने को मिल जाएंगे. बाहर से ठीकठाक दिखने वाले यह शो रूम अंदर से मार्केट की मंदी झेल रहे हैं. फ़रीदाबाद के महिंद्रा एंड महिंद्रा शो का हालत ठीक नहीं हैं. इस शो रूम में बिक्री कम हो गई है जिस वजह से कई लोगों की नौकरी चली गई है. इस शो रूम में अलग-अलग वैराईटी की गाड़ियां तो खड़ी है लेकिन ख़रीददारी के लिए लोग नहीं आ रहे हैं. महिंद्रा एंड महिंद्रा के मैनेजर दीपक भाटिया ने एनडीटीवी से बात करते हुए बताया कि पिछले कुछ महीने से बिक्री में कमी आयी है. लोग कम आ रहे हैं आए इन्क्वारी भी कम हो गई है. भाटिया का कहना है महिंद्रा का 15 प्रतिशत बिक्री कम हो गई है.

ऑटोमोबाइल उद्योग में मंदी की मार का असर ऑटो एंसिलरी सेक्टर पर भी

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डिलाइट होंडा और मारुति सुजुकी के शो रूम भी बंद
फ़रीदाबाद में डिलाइट हौंडा के दो शो रूम बंद हो गए हैं. दोनों शो रूम में ताला लग गया है. फ़रीदाबाद स्थित मारुति सुजुकी का शो रूम कई दिनों से बन्द है. यहां चार अगस्त को किआ मोटर्स के एक शो रूम का उद्घाटन  हुआ है. किआ मोटर्स के शो रूम में काम करने वाला एक कर्मचारी ने बताया कि वो पहले हुंडई में काम करता था लेकिन हुंडई शो रूम बंद हो जाने की वजह से उसने किआ मोटर्स में जॉइन किया. हुंडई के कई शो रूम बंद हो गए हैं जिनमें मालवीय नगर और गुरुग्राम के कुछ शो रूम शामिल हैं. मालवीय नगर के शो रूम में 40 के करीब लोग काम करते थे जबकि गुरुग्राम के शो रूम में 100 से भी ज्यादा लोग काम करते थे. सब की नौकरी चली गई है. कर्मचारी ने बताया कि 18 सालों से वो ऑटो मोबाइल सेक्टर में काम कर रहा है लेकिन इस तरह की मंदी कभी नहीं आई.

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गुरुग्राम में लाखों की संख्या में अस्थाई कर्मचारियों की नौकरी गई
फ़रीदाबाद के बाद हमने गुरुग्राम का जायज़ लिया. गुरुग्राम में लाखों संख्या में अस्थाई कर्मचारियों की नौकरी चली गयी है. लेबर यूनियन के नेता कुलदीप ने बताया कि डिमांड कम होने की वजह से प्रोडक्शन कम हो गया है जिसकी वजह से अस्थाई कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया गया है. गुरुग्राम के मारुति फैक्ट्री के 700 के करीब अस्थाई कर्मचारियों की छुट्टी हो गई है. यह लोग कब काम पर लौटेंगे इसका कुछ पता नहीं. अगर ऑटोमोबाइल सेक्टर में कोई सुधार नहीं होता है तो तह कर्मचारियों की लौटने का कोई संभावना नहीं है. कुलदीप ने बताया कि पूरी गुरुग्राम में मारुति, हौंडा और हीरो मोटर्स के तीन बड़ी फैक्ट्री है, इन फ़ैक्टरी में काम करने वाले 150000 से 200000 करीब अस्थाई कर्मचारियों की छुट्टी हो गयी है.

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ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी, गाड़ियों की बिक्री में आई गिरावट

मंदी के वजह ट्रेलर ड्राइवर हैं परेशान
मंदी की वजह से गाड़ियों की ट्रांसपोर्ट भी कम हो गई है. एक शहर से दूसरे शहर गाड़ियों को ले जाने वाले ट्रेलर कई महीने से खड़े हैं. ऐसे ट्रेलर पर काम करने वाले ड्राइवर कई महीनों से खाली बैठे हैं. कई लोग गांव चले गए तो कई कम पैसे में काम करने के लिए मजबूर है. एनडीटीवी से कई ड्राइवर ने बात की. एक ड्राइवर ने कहा कि पिछले 28 दिनों से ऐसे खाली खड़े हैं. लोड नहीं मिल रही हों. एक और ड्राइवरों ने बताया कि मंदी के वजह से सैलरी भी कम हो गए हैं. कई ट्रेलर खड़े भी हो गए हैं क्यों की काम नहीं मिल रही है. एक और ड्राइवर ने बताया कि रोज़ 400 से 500 खर्चा हो जाती है लेकिन मालिक सिर्फ खाने-पीने के लिए 100 रुपया देता है. 

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