कांग्रेस सेवादल ने सावरकर को कहा 'समलैंगिक', शिवसेना बोली- उनके खिलाफ बोलने वालों के दिमाग में गंदगी भरी है

कांग्रेस सेवादल (Congress Seva Dal) द्वारा मध्य प्रदेश में वितरित की गई एक पुस्तिका में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे तथा विनायक सावरकर के बीच समलैंगिक संबंध होने की बात कही जाने पर महाराष्ट्र की सत्ता में कांग्रेस की भागीदार शिवसेना ने कहा है कि इससे उनके दिमाग में भरी गंदगी के बारे में पता चलता है.

कांग्रेस सेवादल ने सावरकर को कहा 'समलैंगिक', शिवसेना बोली- उनके खिलाफ बोलने वालों के दिमाग में गंदगी भरी है

शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा- सावरकर महान थे और महान रहेंगे

खास बातें

  • कांग्रेस सेवादल की पुस्तिका में विवादास्पद बातें
  • गोडसे और सावरकर को कहा समलैंगिक
  • शिवसेना ने भी किया पलटवार
नई दिल्ली:

कांग्रेस सेवादल (Congress Seva Dal) द्वारा मध्य प्रदेश में वितरित की गई एक पुस्तिका में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे तथा विनायक सावरकर के बीच समलैंगिक संबंध होने की बात कही जाने पर महाराष्ट्र की सत्ता में कांग्रेस की भागीदार शिवसेना ने कहा है कि इससे उनके दिमाग में भरी गंदगी के बारे में पता चलता है. समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, 'नाथूराम गोडसे और विनायक सावरकर के बीच शारीरिक संबंध' होने का दावा करने वाली कांग्रेस सेवादल की पुस्तिका को लेकर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, "वीर सावरकर महान व्यक्ति थे, और हमेशा महान रहेंगे... एक वर्ग उनके खिलाफ बातें करता रहता है, चाहे वह कोई भी हो, लेकिन इससे उनके दिमाग में मौजूद गंदगी के बारे में पता चलता है..." आपको बता दें कि कांग्रेस सेवादल द्वारा भोपाल में आयोजित किए गए 10-दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के दौरान वितरित की गई 'वीर सावरकर, कितने वीर' सावरकर के बारे में ही है. इसमें महात्मा गांधी की हत्या, नाथूराम गोडसे और सावरकर का ज़िक्र करते हुए दावा किया गया है कि नाथूराम गोडसे और सावरकर के बीच समलैंगिक संबंध थे. इस पुस्तिका में कई अन्य किताबों के हवाले से कई दावे किए गए हैं. डॉमिनिक लैपिएर और लैरी कॉलिन की किताब 'फ्रीडम एट मिडनाइट' का जिक्र करते हुए इसमें लिखा है, "ब्रह्मचर्य धारण करने से पहले नाथूराम गोडसे के एक ही शारीरिक संबंध का ब्योरा मिलता है, जो समलैंगिक संबंध थे... उनका पार्टनर था उनका राजनैतिक गुरु वीर सावरकर..."

किताब में सावरकर पर 12 साल की उम्र में मस्जिद पर पत्थर फेंकने और वहां की टाइलें तोड़ देने के भी आरोप लगाए गए हैं. इसके अलावा किताब के मुताबिक, सावरकर ने बलात्कार को एक न्यायसंगत राजनैतिक हथियार बताया था. सावरकर ने अपनी पुस्तक 'सिक्स ग्लोरियस एपोक्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री' में जानवरों की व्यावहारिक प्रवृत्ति को जोड़ते हुए व्याख्या की थी कि कैसे हर जानवर अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए अपनी आबादी बढ़ाना चाहता है. कांग्रेस सेवादल की पुस्तक के अनुसार, सावरकर ने रावण और सीता के बारे में भी कहा है, "शत्रु की महिला को अगवा करने और उससे बलात्कार करने को तुम अधर्म कहते हो...? ये तो परोधर्म है... महानतम कर्तव्य...."

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