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This Article is From Apr 06, 2017

गाय का दूध पिएं-गोकशी से बचें, इस्‍लाम में शाकाहार को बढ़ावा: शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील

आल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुसलमानों से गोकशी से बचने की अपील की.

Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
उलेमा ने कहा कि गोकशी से बचना चाहिए
तीन तलाक पर कानून बनाकर रोक लगाई जाए
बाबरी मस्जिद का मसला आपसी बातचीत से हल किया जाए
लखनऊ: आल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने केंद्र सरकार से मांग की है कि तीन तलाक पर कानून बनाकर रोक लगाई जाए और बाबरी मस्जिद का मसला आपसी बातचीत से हल हल किया जाए. लखनऊ में बुधवार को बोर्ड की एक्‍जीक्‍यूटिव कमेटी की मीटिंग में यह तय हुआ. बोर्ड ने इराक से एक बड़े धर्मगुरू अयातुल्‍लाह आगा बशीर नजफी से एक फतवा भी हासिल किया है जिसमें हिंदोस्‍तानी मुसलमानों से गोकशी नहीं करने को कहा गया है. शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की मीटिंग में तीन तलाक एक बड़ा मुद्दा था. बोर्ड का कहना है कि औरत को कभी गुस्‍से में, कभी नशे में तो कभी मामूली से मामूली बातों पर तलाक दे देना औरत की तौहीन और उसे इस्‍लाम से मिले बराबरी के अधिकार के खिलाफ है. ये ना कुरान में है और ना ही पैगंबर ने इसे लागू किया. इसलिए इसे कानून बनाकर रोका जाए.  

इस संबंध में आल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्‍ता मौलाना यासूब अब्‍बास ने कहा,''बहुत घर तबाह और बर्बाद हो रहे हैं. बहुत ज्‍यादा नुकसान हो रहा है. लिहाजा आल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ये चाहता है कि जिस तरह एक कानून बनाकर सती प्रथा का खात्‍मा किया गया ताकि बच्चियां सती होने से बच जाएं. उसी तरह सख्‍त कानून बने तीन तलाक को लेकर.''

बोर्ड ने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट की राय को मानकर बाबरी मस्जिद, रामजन्‍मभूमि का मसला बातचीत से जल्‍द हल किया जाए. इस पर मौलाना यासूब अब्‍बास ने कहा,''कोर्ट के बाहर टेबल पर बैठकर बाबरी मस्जिद और रामजन्‍मभूमि का मसला हल होना चाहिए. इसलिए ताकि अब किसी मां की गोद ना उजड़े और अब किसी औरत का सुहाग नहीं लुटे. इंसानियत जो है वह शर्मसार नहीं हो.''

मीटिंग में उलेमा ने कहा कि मुल्‍क में हिंदू-मुस्लिम के बीच गलतफहमियां बढ़ी हैं, जिससे दूरी भी बढ़ी है और जिन मुद्दों को लेकर टकराव है, उनमें गोकशी भी एक है. बोर्ड ने इस पर अपने प्रस्‍ताव में कहा कि इमाम सुयुती ने लिखा है,''खुदा के पैगंबर ने कहा है कि गाय का दूध शिफा देता है, जबकि उसका गोश्‍त बीमारियां. इसलिए गाय का दूध पियो, लेकिन गोश्‍त से परहेज करो.'' यही नहीं इस्‍लाम में शाकाहार को बढ़ावा दिया है.

पैगंबर के दामाद और खलीफा हजरत अली ने कहा था,''अपने पेट को जानवरों का कब्रिस्‍तान मत बनाओ'' और इस्‍लामी विद्दान हमजा युसूफ ने लिखा है,''इस्‍लामी शरियत में गोश्‍त खाना जरूरी नहीं. इस्‍लाम आने के वक्‍त पैसे वाले हफ्ते में एक बार और गरीब ईद के दिन गोश्‍त खाते थे.'' इसलिए मांसाहार खानपान की आदत है. उसका इस्‍लाम से कोई ताल्‍लुक नहीं है. बोर्ड ने इराक से अयातुल्‍लाह आगा बशीर नजफी का फतवा मंगवाया है जिसमें हिंदुस्‍तानी मुसलमानों को गाय खाने से रोका गया है.

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