महाराष्ट्र में सरकार गठन पर बोले संजय राउत, कहा- शिवसेना के लिए भाजपा नीत गठबंधन में बने रहना जरुरी है

राज्य में सरकार गठन पर मीडिया से बात करते हुए संजय राउत ने कहा कि राज्य के हित में शिवसेना के लिए भगवा गठबंधन में बने रहना जरुरी है, लेकिन ‘सम्मान’ भी महत्वपूर्ण है.

महाराष्ट्र में सरकार गठन पर बोले संजय राउत, कहा- शिवसेना के लिए भाजपा नीत गठबंधन में बने रहना जरुरी है

शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत

खास बातें

  • महाराष्ट्र के व्यापक हित में ‘सम्मान’ से समझौता किए बगैर समझौता जरूरी
  • मंत्रिपरिषद के गठन में देरी से शिवसेना बंट सकती है जैसे कयासों से इंकार
  • कहा, ‘व्यक्ति महत्वपूर्ण नहीं हैं, लेकिन राज्य का हित महत्वपूर्ण है
मुंबई:

अपना रुख नरम करते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र के व्यापक हित में ‘सम्मान' से समझौता किए बगैर पार्टी के लिए भाजपा नीत गठबंधन में बने रहना जरुरी है. राउत ने कहा कि अगली सरकार बनाने में कोई जल्दबाजी नहीं है. उन्होंने उन कयासों को खारिज कर दिया कि अगर नए मंत्रिपरिषद के गठन में देरी होती है तो शिवसेना बंट सकती है. बता दें, राज्य में सरकार गठन पर मीडिया से बात करते हुए राउत ने कहा कि राज्य के हित में शिवसेना के लिए भगवा गठबंधन में बने रहना जरुरी है, लेकिन ‘सम्मान' भी महत्वपूर्ण है.

'महाराष्ट्र में सरकार बनने में देरी क्यों?' इस सवाल पर बोले शिवसेना सांसद- यहां कोई दुष्यंत नहीं हैं, जिनके पिता जेल में हो

राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा, ‘व्यक्ति महत्वपूर्ण नहीं हैं, लेकिन राज्य का हित महत्वपूर्ण है. शांत तरीके से और राज्य के हित को ध्यान में रखकर फैसला करने की जरूरत है.'गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद और सत्ता बंटवारे पर 50:50 फॉर्मूले पर आक्रामक रूप से जोर दे रही है, लेकिन भाजपा ने इस मांग को खारिज कर दिया है. राउत ने कहा कि दोनों सहयोगियों के बीच 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव से पहले जो तय हुआ था उनकी पार्टी बस उसे ही लागू करवाना चाहती है. 

महाराष्ट्र में BJP को शिवसेना की दो टूक, कहा - राजनीति में कोई संत नहीं होता, हमें मजबूर मत करो कि...

यह पूछे जाने पर कि क्या शिवसेना 50:50 फॉर्मूले (सत्ता के समान बंटवारे) को लागू करने पर अड़ी हुई, इस पर राउत ने कहा, ‘आप (मीडिया) यह कह रहे हैं. हम सिर्फ यह चाहते हैं कि जो पहले तय हुआ था वैसे ही चीजें हों.' उन्होंने कहा कि सरकार गठन में देरी के चलते नव निवार्चित शिवसेना के किसी विधायक के पार्टी छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है. राउत ने कहा, ‘किसी भी पार्टी का कोई नव-निर्वाचित विधायक अलग नहीं होगा. शिवसेना विधायकों के साथ ऐसा होने का कोई सवाल ही नहीं है.' वहीं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के भाजपा विधायक दल का नेता पुनर्निर्वाचित होने के बारे में राउत ने कहा, ‘जिसके पास (288 सदस्यीय सदन के) 145 विधायकों का समर्थन है वह मुख्यमंत्री होगा और उनका स्वागत करना कर्तव्य है.' 

महाराष्ट्र चुनाव 2019: उद्धव ठाकरे की रैली के लिए तोड़ी गई स्कूल की दीवार, परीक्षा भी हुई स्थगित

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

उन खबरों के बारे में कि भाजपा ने उपमुख्यमंत्री पद और शिवसेना को 13 मंत्री पद देने की पेशकश की है, इस बारे में राउत सीधा जवाब देने से बचे और कहा, ‘हम बहीखाता लेकर नहीं बैठे हैं.' शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना' के कार्यकारी संपादक राउत ने सत्ता में समान भागीदारी और बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद की पार्टी की मांगों को मुखर रूप से व्यक्त करते रहे हैं. राउत ने मंगलवार को यहां तक कहा कि अगर भाजपा उसकी मुख्य मांगों को नहीं मानती तो पार्टी के पास और भी ‘विकल्प' हैं. उन्होंने कहा था, ‘हम भाजपा के साथ गठबंधन में विश्वास करते हैं, क्योंकि हमने साथ मिलकर चुनाव लड़ा, लेकिन भाजपा को हमें सरकार गठन के लिए विकल्प पर गौर करने का पाप करने पर विवश नहीं करना चाहिए.' दूसरी ओर, भाजपा ने जोर देकर कहा है कि फडणवीस अगले पांच साल के लिए मुख्यमंत्री बने रहेंगे. बता दें, भाजपा ने महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से 105 सीटों पर, जबकि शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत दर्ज की.



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)