राजस्थान कांग्रेस के नेता सचिन पायलट ने गुरुवार को सोनिया गांधी से मुलाकात की. यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब खबरें हैं कि सचिन पायलट ने अशोक गहलोत की जगह खुद को मुख्यमंत्री बनाए जाने की इच्छा जाहिर की है. सूत्रों ने बताया कि बैठक राजस्थान और पार्टी में सचिन पायलट की भविष्य की भूमिका को लेकर थी. खासकर जब कांग्रेस अगले साल राज्य में चुनाव की तैयारी कर रही है. इससे पहले सचिन पायलट राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष और प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री थे. लेकिन 2020 में जब उन्होंने पार्टी से बगावत की तो, उन्हें दोनों पदों से हाथ धोना पड़ा.
सूत्रों ने कहा कि उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों पर फैसला कांग्रेस अध्यक्ष करेंगे.
पिछले दो साल में कांग्रेस के कई बड़े नेता पार्टी छोड़कर जा चुके हैं, ऐसे में इसे अहम माना जा रहा है. जब राहुल गांधी के सबसे करीबी सहयोगियों की बात आती है तो अब केवल सचिन पायलट ही बचे हैं. क्योंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद और आरपीएन सिंह जैसे नेता भाजपा में शामिल हो गए.
सचिन पायलट ने गांधी परिवार को स्पष्ट कर दिया है कि वह राजस्थान के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. जब कांग्रेस ने 2018 का राजस्थान चुनाव जीता था, तब उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया था. उनकी जगह अनुभवी अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया गया. इसके दो साल बाद वह अपने समर्थक 18 विधायकों को लेकर दिल्ली में ढेरा डाल लिया, हालांकि, उन्हें फिर मनाया गया. सचिन पायलट की बगावत ने अशोक गहलोत की सरकार को पतन के कगार पर ला दिया.
पायलट ने कुछ दिन पहले राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ भी बैठक की थी.
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