
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने पीएम मोदी के एक बयान को लेकर उनपर निशाना साधा है. आरजेडी ने ट्वीट कर कहा, 'प्रधानमंत्री पहले निर्णय कर लें कि वो भारत के प्रधानमंत्री हैं या पाकिस्तान के. प्रधानमंत्री को भारत के नागरिकों की चिंता नहीं है, पाकिस्तान के नागरिकों की चिंता है. पाकिस्तान में हो रहा अत्याचार दिख रहा है पर अपनी ही सरकार व भाजपाई गुंडों का सड़कों अत्याचार नहीं दिख रहा.' बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कर्नाटक के तुमकुरू में कहा कि जो लोग आज भारत की संसद के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि आज जरूरत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की इस हरकत को बेनकाब करने की जरूरत है. अगर आपको आंदोलन करना ही है तो पाकिस्तान के पिछले 70 साल के कारनामों के खिलाफ आवाज उठाइए.
प्रधानमंत्री पहले निर्णय कर लें कि वो भारत के प्रधानमंत्री हैं या पाकिस्तान के!
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) January 2, 2020
प्रधानमंत्री को भारत के नागरिकों की चिंता नहीं है, पाकिस्तान के नागरिकों की चिंता है!
पाकिस्तान में हो रहा अत्याचार दिख रहा है पर अपनी ही सरकार व भाजपाई गुंडों का सड़कों अत्याचार नहीं दिख रहा!
पीएम मोदी ने कहा कि अगर आपको नारे लगाने ही हैं तो पाकिस्तान में जिस तरह अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है, उससे जुड़े नारे लगाइए. अगर आपको जुलूस निकालना ही तो पाकिस्तान से आए हिंदू, दलित, पीड़ित शोषितों के समर्थन में जुलूस निकालिए. प्रधानमंत्री ने कहा कि देश निराशाओं के दौर से बाहर निकल रहा है, भारत ने नई ऊर्जा और नए उत्साह के साथ 21वीं सदी के तीसरे दशक में प्रवेश किया है. आपको याद होगा कि बीते दशक की शुरुआत किस तरह के माहौल से हुई थी. लेकिन 21वीं सदी का ये तीसरा दशक उम्मीदों की, आकांक्षाओं की मजबूत नींव के साथ शुरु हुआ है. भारत ने हमेशा संतों को, ऋषियों को, गुरुओं को सही मार्ग के लिए एक प्रकाश स्तंभ के रूप में देखा है. न्यू इंडिया में भी सिद्दगंगा मठ, आध्यात्म और आस्था से जुड़े देश के हर नेतृत्व की भूमिका अहम है.