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This Article is From Mar 05, 2020

Yes Bank पर लगी RBI की रोक, निदेशक मंडल भंग, निकासी सीमा 50,000 रुपये तय

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने यस बैंक (Yes Bank) से निकासी की सीमा तय की है. आरबीआई के इस आदेश के बाद अब ग्राहक 50 हजार रुपये से ज्यादा नहीं निकाल सकेंगे.

Yes Bank पर लगी RBI की रोक, निदेशक मंडल भंग, निकासी सीमा 50,000 रुपये तय
Yes Bank से 50 हजार से ऊपर की निकासी पर रोक.
नई दिल्ली:

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने नकदी संकट से जूझ रहे यस बैंक (Yes Bank) से निकासी की सीमा तय कर दी है. RBI के इस आदेश के बाद अब ग्राहक 50 हजार रुपये से ज्यादा नहीं निकाल सकेंगे. RBI के अनुसार फिलहाल यह रोक 5 मार्च से 3 अप्रैल तक लगी रहेगी. भारतीय रिजर्व बैंक ने यस बैंक के निदेशक मंडल को भी भंग करते हुए उसपर प्रशासक नियुक्त कर दिया है. RBI ने बैंक के जमाकर्ताओं पर निकासी की सीमा सहित इस बैंक के कारोबार पर कई तरह की पाबंदिया भी लगा दी हैं.
 


केंद्रीय बैंक ने अगले आदेश तक बैंक के ग्राहकों के लिए निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय की है. बैंक का नियंत्रण भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में वित्तीय संस्थानों के एक समूह के हाथ में देने की तैयारी की गई है. आरबीआई ने देर शाम जारी बयान में कहा कि Yes Bank के निदेशक मंडल को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को यस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है. इससे करीब छह माह पहले रिजर्व बैंक ने बड़ा घोटाला सामने आने के बाद पीएमसी बैंक (PMC Bank) के मामले में भी इसी तरह का कदम उठाया था. यस बैंक काफी समय से डूबे कर्ज की समस्या से जूझ रहा है. 

इन मामलों में ग्राहकों को निकासी सीमा में मिलेगी छूट
आरबीआई ने यस बैंक के कुछ ग्राहकों को 50 हजार की निकासी सीमा से कुछ छूट भी दी है. इनमें वो ग्राहक शामिल हैं, जिन्हें कोई मेडिकल इमरजेंसी, हायर एजुकेशन, शादी के खर्चे और आपात आर्थिक जरूरत है. इन ग्राहकों पर 50 हजार की सीमा लागू नहीं होगी.

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'SBI की अगुवाई वाला समूह YES Bank को संकट से उबारेगा'
सार्वजनिक क्षेत्र का भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और अन्य वित्तीय संस्थान नकदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के येस बैंक को संकट से उबारेंगे. सूत्रों ने कहा कि सरकार ने एसबीआई की अगुवाई वाले बैंकों के समूह को यस बैंक के अधिग्रहण की मंजूरी दे दी है. दिनभर यस बैंक को लेकर गतिविधियां चलती रहीं. इस दौरान एसबीआई के निदेशक मंडल की बैठक भी हुई. ऐसी भी चर्चाएं है कि एलआईसी से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के साथ मिलकर हिस्सेदारी खरीदने की योजना पर काम करने को कहा गया है. कुल मिलाकर दोनों की यंस बैंक में हिस्सेदारी 49 प्रतिशत रहे सकती है. यस बैंक में एलआईसी पहले ही आठ प्रतिशत की हिस्सेदार है. 

(इनपुट: भाषा से भी)

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