लखनऊ की राशि वर्मा उन चंद छात्रों में शामिल हैं जो पीएम मोदी के साथ चंद्रयान 2 (Chandrayaan 2) को चंद्रमा पर उतरते हुए देखेंगी. चंद्रयान 2 सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर उतरेगा. बता दें कि राशि वर्मा लखनऊ की डीपीएस की छात्रा हैं. और उन्होंने इसरो द्वारा आयोजित एक प्रतियोगिता को जीता है, इसके बाद ही उन्हें पीएम मोदी के साथ इस ऐतिहासिक घटना को देखने का मौका मिला है. सात सितंबर को चंद्रयान 2 की लैंडिग को लेकर इसरो में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है. NDTV से बातचीत के दौरान राशि ने कहा कि मैं इस मौके के दौरान पीएम मोदी से बात करना चाहूंगी. राशि ने कहा कि मेरे घर में और स्कूल में लोग बहुत खुश हैं कि मैं पीएम से मिलने जा रही हूं. मैं भी बहुत एक्साइटेड हूं. राशि ने बताया कि मुझे यह जानकारी फोन पर दी गई थी. इसरो की तरफ से फोन आया था. इसके बाद मैंने अपने अभिभावक को बताया तो वह भी खुश हुए और बोले की तुम्हें जाना ही चाहिए. मेरे दोस्त और स्कूल के शिक्षक बहुत खुश हैं. राशि ने कहा कि मैं बड़े होकर आईएएस बनना चाहता हूं लेकिन मेरा साइंस में भी रुचि है और मैं आगे वैज्ञानिक भी बनना चाहूंगी.
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गौरतलब है कि इसरो ने कहा था कि उसने "चंद्रयान-2' को चांद की चौथी कक्षा में आगे बढ़ाने की प्रक्रिया शुक्रवार को सफलतापूर्वक पूरी की. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इस प्रक्रिया (मैनुवर) के पूरी होने के बाद कहा कि अंतरिक्ष यान की सभी गतिविधियां सामान्य है. इसरो ने एक अपडेट में कहा था कि प्रणोदन प्रणाली का प्रयोग करते हुए चंद्रयान-2 अंतरिक्षयान को चंद्रमा की चौथी कक्षा में शुक्रवार को (30 अगस्त,2019) सफलतापूर्वक प्रवेश कराने का कार्य योजना के मुताबिक छह बजकर 18 मिनट पर शुरू किया गया.
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इसरो ने कहा था कि चंद्रमा की चौथी कक्षा में प्रवेश कराने की इस पूरी प्रक्रिया में 1,155 सेकेंड का समय लगा. अब एक सितंबर 2019 को शाम छह बजे से सात बजे के बीच चंद्रयान-2 को चंद्रमा की पांचवी कक्षा में प्रवेश कराया जाएगा. देश की बड़ी सफलता को साबित करते हुए भारत के दूसरे चंद्रमा मिशन चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की कक्षा में 20 अगस्त को प्रवेश किया था. इसरो ने कहा था कि आगामी दो सितंबर को लैंडर ‘विक्रम' ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और सात सितंबर को यह चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में ‘सॉफ्ट लैंडिंग' करेगा.
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लैंडर के चांद की सतह पर उतरने के बाद इसके भीतर से ‘प्रज्ञान' नाम का रोवर बाहर निकलेगा और अपने छह पहियों पर चलकर चांद की सतह पर अपने वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देगा. इसरो के वैज्ञानिकों का कहना है कि चांद पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग' चंद्र मिशन-2 का सबसे जटिल चरण है. अतंरिक्ष एजेंसी ने कहा कि अंतरिक्ष यान की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है.
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