रणदीप सुरेजवाला की कांग्रेस नेताओं को सलाह- ट्विटर-ट्विटर न खेलें, सरकार के खिलाफ आवाज उठाएं

"कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की जिम्मेदारी और अधिक है क्योंकि उन्होंने सरकार के अंदर और संगठन के अंदर बेहतरीन काम किया है जिसके हम आज भी मुरीद है, इसलिए उनकी जिम्मेवारी और अधिक हो जाती है."

रणदीप सुरेजवाला की कांग्रेस नेताओं को सलाह- ट्विटर-ट्विटर न खेलें, सरकार के खिलाफ आवाज उठाएं

कांग्रेस नेता ने आज मोदी सरकार की नई शिक्षा नीति को लेकर मीडिया से बात की (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

कांग्रेस के नेताओं के बीच ट्विटर पर छिड़ी बहस का पार्टी ने संज्ञान लेते हुए नेताओं को सलाह दी है कि आप संगठन के प्लेटफॉर्म पर अपने विचार रख सकते हैं. रविवार को मोदी सरकार की नई शिक्षा नीति को लेकर प्रेस कॉफ्रेंस करने के लिए आए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, "साथी ट्विटर-ट्विटर न खेलें, मिल कर मोदी सरकार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएं."

सुरजेवाला ने कहा, "उन सारे मित्रों को जो ट्विटर ट्विटर खेल रहे हैं, मैं उन सारे मित्रों को हाथ जोड़कर विनम्रता से एक राय दूंगा. कांग्रेस पार्टी में सोनिया जी और राहुल जी के नेतृत्व में संगठन के प्लेटफॉर्म पर आप जो चाहें अपने विचार रख सकते हैं. हमारे यहां आंतरिक प्रजातंत्र हैं, हम लोगों को जबरन रिटायर नहीं करते हैं."

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कांग्रेस नेता ने कहा, "आज देश कठिन समय से गुजर रहा है, ऐसे में देश कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर देखता है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की जिम्मेदारी और अधिक है क्योंकि उन्होंने सरकार के अंदर और संगठन के अंदर बेहतरीन काम किया है जिसके हम आज भी मुरीद है, इसलिए उनकी जिम्मेवारी और अधिक हो जाती है. आज जब देश कोरोना, आर्थिक संकट और चीन तीनों संकट हमारे सामने है. तो सोनिया जी, राहुल जी और मनमोहन सिंह जी के साथ मिलकर इन सारे संकटों का समाना करें और सरकार को सच्चाई का आईना दिखाए. वरिष्ठ नेतृत्व की कांग्रेस में ये जिम्मेदारी है कि वो युवा नेतृत्व को आगे बढ़ाए और उनके लिए रास्ता बनाए. मेरा सबसे अनुरोध है कि संकट की घड़ी में मिलकर मोदी सरकार के खिलाफ लड़ें."

पार्टी को आत्म निरीक्षण की सलाह देने वाले कांग्रेस सांसद राजीव सातव (Rajeev Satav) ने अब उन्हें समझाने वाले नेताओं पर शरो-शायरी के जरिए हमला किया है. इस ट्वीट में उन्होंन अपने "सब्र के इम्तिहान" की बात कही है. कांग्रेस की वर्चुअल बैठक में पार्टी को घर से आत्म निरीक्षण की शुरुआत की बात कहने वाले राजीव सातव ने लिखा, "मत पूछ मेरे सब्र की इन्तेहा कहां तक है, तू सितम कर ले, तेरी ताक़त जहां तक है, व़फा की उम्मीद जिन्हें होगी, उन्हें होगी, हमें तो देखना है, तू ज़ालिम कहां तक है."

शनिवार को राजीव सातव ने एक बार फिर अपनी ही पार्टी की तरफ इशारों इशारों में हमला किया. उन्होंने लिखा

मत पूछ मेरे सब्र की इन्तेहा कहाँ तक है
तु सितम कर ले, तेरी ताक़त जहाँ तक है,
व़फा की उम्मीद जिन्हें होगी, उन्हें होगी
हमें तो देखना है, तू ज़ालिम कहाँ तक है।

— Rajeev Satav (@SATAVRAJEEV) August 1, 2020

दरअसल पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने राजीव सातव द्वारा आत्म निरीक्षण की बात कहे जाने पर ट्विटर पर लिखा था, ‘‘भाजपा 2004 से 2014 तक 10 साल सत्ता से बाहर रही. लेकिन उन्होंने उस समय की हालत के लिए कभी अटल बिहारी वाजपेयी या उनकी सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया.''उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस में दुर्भाग्य से कुछ दिग्भ्रमित लोग राजग और भाजपा से लड़ने के बजाय डॉ मनमोहन सिंह नीत संप्रग सरकार पर छींटाकशी कर रहे हैं. जब एकता की जरूरत है, वे विभाजन कर रहे हैं.''

BJP was out of Power for 10 yrs 2004-14. Not once did they ever blame Vajpayee or his Govt for their then predicaments

In @INCIndia unfortunatly some ill -informed ‘s would rather take swipes at Dr. Manmohan Singh led UPA govt than fight NDA/BJP.

When unity reqd they divide.

— Manish Tewari (@ManishTewari) August 1, 2020


उधर कांग्रेस के नेताओं के ट्विटर वार पर पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "ट्विटर-ट्विटर न खेंले साथी, मिल कर मोदी सरकार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएं." 

बहस और आगे बढ़ गई जब तिवारी के जवाब में कांग्रेस के पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा ने कहा, ‘‘बहुत सही कहा, मनीष. 2014 में पद छोड़ते समय डॉ मनमोहन सिंह ने कहा था, ‘‘इतिहास मेरे प्रति उदार रहेगा''.''देवड़ा ने ट्वीट में कहा, ‘‘क्या कभी उन्होंने कल्पना भी की होगी कि उनकी ही पार्टी के कुछ लोग देश के प्रति उनकी सालों की सेवा को खारिज कर देंगे और उनकी विरासत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगे. वह भी उनकी मौजूदगी में?''

 (इनपुट एजेंसी भाषा से भी) 

नई शिक्षा नीति बहुत ही ढुलमुल है : रणदीप सिंह सुरजेवाला
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