फाइल फोटो
नई दिल्ली:
2 जुलाई से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा को लेकर मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों के दौरान जम्मू- कश्मीर में भयंकर बारिश और बर्फबारी हो सकती है, जो कि यात्रा में शामिल होने वालों का मजा किरकिरा कर सकती है।
देखा जाए तो अमरनाथ यात्रा और प्रकृति के कहर का रिश्ता काफी पुराना है। श्रीनगर स्थित मौसम विभाग की माने तो मौसम की आंख-मिचौली के कारण अमरनाथ यात्रा मार्ग पर मुश्किलें बढ़ने वाली है। एक तो वे कह रहे है कि सर्दी तो बढ़ेगी ही साथ ही ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात की होने की पूरी आशंका है।
एक अनुमान के मुताबिक, हर साल औसतन 100 के करीब यात्रियों की जान प्राकृतिक हादसों में चली जाती है। 1969 में बादल फटने की वजह से करीब 100 यात्रियों की मौत हो गई थी, वहीं 1996 में यात्रा मार्ग के हालात और बदइंतजामी की वजह से 300 लोगों की मौत हो गई थी।
वैसे हर साल अमरनाथ यात्रा में करीब पांच से छह लाख लोग शामिल होते है, बावजूद कई खतरों के यात्रा में शामिल होने वालों के उत्साह और हौसलों में कोई कमी नहीं दिखती।
देखा जाए तो अमरनाथ यात्रा और प्रकृति के कहर का रिश्ता काफी पुराना है। श्रीनगर स्थित मौसम विभाग की माने तो मौसम की आंख-मिचौली के कारण अमरनाथ यात्रा मार्ग पर मुश्किलें बढ़ने वाली है। एक तो वे कह रहे है कि सर्दी तो बढ़ेगी ही साथ ही ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात की होने की पूरी आशंका है।
एक अनुमान के मुताबिक, हर साल औसतन 100 के करीब यात्रियों की जान प्राकृतिक हादसों में चली जाती है। 1969 में बादल फटने की वजह से करीब 100 यात्रियों की मौत हो गई थी, वहीं 1996 में यात्रा मार्ग के हालात और बदइंतजामी की वजह से 300 लोगों की मौत हो गई थी।
वैसे हर साल अमरनाथ यात्रा में करीब पांच से छह लाख लोग शामिल होते है, बावजूद कई खतरों के यात्रा में शामिल होने वालों के उत्साह और हौसलों में कोई कमी नहीं दिखती।
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