पश्चिम बंगाल और पंजाब के बाद अब सिक्किम ने भी किया CAA लागू करने से इंकार

सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने सोमवार को कहा कि राज्य में नागरिकता कानून लागू नहीं होगा. उन्होंने कहा कि वह इस कानून को अपने लागू नहीं करेंगे क्योंकि राज्य को संविधान के अनुच्छेद 371 (एफ) के तहत विशेष दर्जा प्राप्त है.

पश्चिम बंगाल और पंजाब के बाद अब सिक्किम ने भी किया CAA लागू करने से इंकार

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली:

नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) को अपने यहां लागू नहीं करने वालों राज्यों की सूची में अब सिक्किम का नाम भी शामिल हो गया है. सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने सोमवार को कहा कि राज्य में नागरिकता कानून लागू नहीं होगा. उन्होंने कहा कि वह इस कानून को अपने लागू नहीं करेंगे क्योंकि राज्य को संविधान के अनुच्छेद 371 (एफ) के तहत विशेष दर्जा प्राप्त है. बता दें, इससे पहले पश्चिम बंगाल, पंजाब और इस कानून को अपने यहां लागू करने से इंकार चुके हैं. वहीं छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों ने कहा वह पार्टी की गाइड लाइन के अनुसार ही आगे की कार्रवाई तय करेंगे.

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वहीं सिक्किम के मुख्यमंत्री तमांग ने इसके साथ ही विपक्ष पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘निहित स्वार्थ वाले कुछ तत्व संशोधित नागरिकता कानून पर सिक्किम में लोगों को गुमराह कर रहे हैं. इसका राज्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा.' उन्होंने कहा, ‘केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हमें आश्वासन दिया है कि संशोधित नागरिकता कानून सिक्किम में लागू नहीं होगा, क्योंकि राज्य को संविधान के अनुच्छेद 371 (एफ) के तहत विशेष दर्जा प्राप्त है.' मुख्यमंत्री ने कहा कि गृह मंत्री ने इस बाबत संसद में स्पष्टीकरण दिया था कि जब तक सिक्किम विधानसभा इस कानून को अनुमोदित नहीं करती यह राज्य में लागू नहीं होगा, फिर भी राज्य में विपक्षी दल लोगों को इस मुद्दे पर गुमराह कर रहे हैं.

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विपक्षी दल कांग्रेस, हमरो सिक्किम पार्टी तथा सिक्किम रिपब्लिकन पार्टी ने आशंका जताई है कि सिक्किम को कानून के दायरे में आने के लिए मजबूर किया जाएगा जहां की आबादी केवल छह लाख है. हमरो सिक्किम पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष भाईचुंग भूटिया ने कानून की आलोचना करते हुए आशंका जताई है कि कानून के लागू होने से राज्य की जनसांख्यिकी बदल सकती है. उन्होंने सत्तारूढ़ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा को केंद्र और राज्य में भाजपा के साथ गठबंधन पर पुनर्विचार करने की सलाह दी थी.

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