प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना : ज्यादा से ज्यादा किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए खास अभियान शुरू

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दायरे में अधिक से अधिक किसानों को नामांकित करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया गया है. एक सप्ताह का अभियान खरीफ 2021 सत्र के तहत सभी अधिसूचित क्षेत्रों को अपने दायरे में लेगा, जिसमें 75 पिछड़े जिलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना : ज्यादा से ज्यादा किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए खास अभियान शुरू

खरीफ सत्र में ज्यादा से ज्यादा किसानों तक फसल बीमा पहुंचाने के लिए अभियान शुरू. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली:

सरकार ने गुरुवार को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के दायरे में अधिक से अधिक किसानों को नामांकित करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया. एक जुलाई से शुरू एक सप्ताह का अभियान खरीफ 2021 सत्र के तहत सभी अधिसूचित क्षेत्रों को अपने दायरे में लेगा, जिसमें 75 पिछड़े जिलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जहां फसल बीमा की पहुंच कम है. 13 जनवरी, 2016 को शुरू की गई PMFBY का उद्देश्य पूरे देश में सबसे कम एक समान प्रीमियम पर किसानों को व्यापक जोखिम समाधान (बीमा) प्रदान करना है.

विशेष अभियान की शुरुआत करते हुए, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अब तक 29.16 करोड़ किसानों ने पीएमएफबीवाई के तहत अपनी फसलों का बीमा कराया है. उन्होंने कहा कि योजना के शुरू होने के बाद से किसानों को कुल 17,000 करोड़ रुपये के प्रीमियम के मुकाबले 95,000 करोड़ रुपये से अधिक के दावों के भुगतान किए गए हैं.
एक सरकारी बयान में मंत्री के हवाले से कहा गया है कि देश में इस योजना का विस्तार करने की आवश्यकता है ताकि फसल बीमा कवरेज को बढ़ाया जा सके और अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके.

तोमर ने राज्य सरकारों और बैंकों एवं बीमा कंपनियों जैसे अन्य अंशधारकों से एक साथ काम करने और इन 75 आकांक्षी जिलों में किसानों तक पहुंचने का आग्रह किया. उन्होंने किसानों से आगे आने और फसल बीमा के लाभों का आनंद लेने और संकट के समय में आत्मनिर्भर बनने का भी आग्रह किया. उन्होंने योजना, इसके लाभों और फसल बीमा की प्रक्रिया को समझने के लिए किसानों और जमीनी समन्वयकों की सहायता के लिए एक पीएमएफबीवाई ई-ब्रोशर, एफएओ पुस्तिका और एक गाइडबुक की भी पेशकश की.

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योजना के तहत नामांकित होने से लेकर विभिन्न परिस्थितियों में फसल बीमा का दावा करने के तरीकों से लेकर शिकायत निवारण और फसल नुकसान की रिपोर्ट करने तक - सभी को यथास्थान और डिजिटल पहल के माध्यम से किसानों को समझाया जाएगा. अभियान उन लाभार्थी किसानों की कहानियों को भी सामने लाएगा, जो न केवल इस योजना से लाभान्वित हुए हैं, बल्कि अपने वैचारिक-नेतृत्व के माध्यम से पूरे कृषक समुदाय की मदद की है. जनजातीय क्षेत्रों और आकांक्षी जिलों के किसानों के साथ-साथ यह अभियान महिला किसानों को भी जोड़ेगा.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)