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This Article is From Jul 26, 2019

वरिष्ठ नौकरशाह एससी गर्ग बोले, VRS का ट्रांसफर से कोई लेना-देना नहीं, पहले ही हुई थी PMO से चर्चा

वित्त मंत्रालय से बिजली मंत्रालय में तबादले के एक दिन बाद ही वीआरएस यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन करने वाले वरिष्ठ नौकरशाह एससी गर्ग ने अब पूरे मामले पर अपना पक्ष रखा है.

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वरिष्ठ नौकरशाह एससी गर्ग बोले, VRS का ट्रांसफर से कोई लेना-देना नहीं, पहले ही हुई थी PMO से चर्चा
एससी गर्ग (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

वित्त मंत्रालय से बिजली मंत्रालय में तबादले के एक दिन बाद ही वीआरएस यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन करने वाले वरिष्ठ नौकरशाह एससी गर्ग ने अब पूरे मामले पर अपना पक्ष रखा है. उन्होंने साफ किया कि उनके वीआरएस के आवेदन के पीछे तबादला कोई वजह नहीं है, जैसा कि कयास लगाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 18 जुलाई को तबादले से पहले ही पीएमओ से स्वैच्छिक वीआरएस के बारे में चर्चा हुई थी. दरअसल, कार्मिक मंत्रालय ने बीते बुधवार को वित्त मंत्रालय के सबसे वरिष्ठ नौकरशाह एससी गर्ग का बिजली मंत्रालय में तबादला कर दिया था. इसके बाद खबर आई कि गर्ग ने वीआरएस के लिए आवेदन किया है. हालांकि उन्होंने शुक्रवार को बिजली सचिव का पदभार संभाल लिया.  

तबादले के एक दिन बाद ही वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने दिया इस्तीफा

वीआरएस के लिये आवेदन दिये जाने के बारे में पूछे जाने पर एससी गर्ग ने कहा,‘बिजली मंत्रालय में स्थानांतरण से उनके वीआरएस का कोई लेना-देना नहीं है. तबादला आदेश आने से पहले 18 जुलाई को ही प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के बारे में चर्चा की गई थी.'एक अन्य सवाल के जवाब में बिजली सचिव ने कहा, ‘उन्होंने 24 जुलाई को वीआरएस के लिये आवेदन किया. इस संबंध में प्रक्रिया जारी है. आवेदन मंजूरी के लिये राज्य सरकार के पास जाएगा. उन्हें निर्णय करना है.' गर्ग ने बृहस्पतिवार को कहा था कि उन्होंने वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग की जिम्मेदारी आगे सौंप दी है. 

नौकरशाही में बड़ा फेरबदल, वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग का हुआ तबादला 

केंद्र सरकार ने रिजर्व बैंक के आरक्षित कोष के आकार पर विचार के लिये आरबीआई के पूर्व गवर्नर विमल जालान की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति का गठन किया है. इस छह सदस्यीय समिति में एससी गर्ग भी शामिल थे. हालांकि उन्होंने रिपोर्ट पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं. इस बारे में उन्होंने कहा,‘चूंकि विमल जालान समिति अभी रिपोर्ट पर विचार कर रही थी, विचार की प्रक्रिया चल रही है और किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची थी, इसीलिए मैंने रिपोर्ट पर हस्ताक्षर नहीं किये.'वर्ष 2019-20 के बजट में विदेशी बाजार में बांड जारी कर कोष जुटाने से जुड़े सवाल के जवाब में गर्ग ने कहा, ‘घरेलू बाजार में सीमित संसाधनों और निजी क्षेत्र की जरूरतों को देखते हुए यह निर्णय किया गया. दुनिया भर के देश विदेशों से पूंजी जुटा रहे हैं. इसमें जोखिम कम है.' 

कौन हैं सुभाष चंद्र गर्ग:
सुभाष चंद्र गर्ग राजस्थान कैडर के 1983 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. सुभाष चंद्र गर्ग (Subhash Chandra Garg) 2014 में विश्वबैंक के कार्यकारी निदेशक बनने के बाद चर्चा में आये. वह वहां 2017 तक रहे. उसके बाद उन्हें जून 2017 में आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव बनाया गया. मार्च 2019 में ए एन झा के सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें वित्त सचिव बनाया गया. वित्त मंत्रालय में चली आ रही परंपरा के मुताबिक मंत्रालय के पांच सचिवों में से जो भी सबसे वरिष्ठ होता है उसे वित्त सचिव नामित किया जाता है. (इनपुट-भाषा से भी)

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