नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के साथ शिखर बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान खरीदने को लेकर हुए समझौते में बस वित्तीय मुद्दों को सुलझाना बाकी है और यह जल्द ही पूरा हो जाएगा।
राफेल पर अंतर सरकारी समझौता संपन्न
तीन दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचे फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के साथ वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'राफेल समझौते के केवल वित्तीय पहलूओं को सुलझाना बाकी है। अंतर सरकारी समझौता संपन्न हो चुका है। बाकी का काम जल्द ही खत्म हो जाएगा।'
वहीं ओलांद ने अपने बयान में कहा, 'राफेल समझौते को लेकर हमने एक अंतर सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत द्वारा लड़ाकू जेट विमानों की खरीद और फ्रांस द्वारा भारत जैसे महान देश को इसे उपलब्ध कराने की दिशा में यह एक निर्णायक कदम है।' समझौते के वित्तीय पहलुओं की ओर संकेत करते हुए ओलांद ने कहा, 'इसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।'
सही ट्रैक पर राफेल डील
दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बयान से 36 राफेल खरीदने का रास्ता साफ होता दिख रहा है। भारत आने से पहले ओलांद ने भी एक इंटरव्यू में कहा था कि राफेल डील सही ट्रैक पर है। फ़िलहाल कुछ तकनीकी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है। वैसे फ्रांस से सीधे 36 राफेल खरीदने का फैसला तो करीब नौ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फ्रांस यात्रा के दौरान ही हो गया था। सूत्रों के मुताबिक, भारत 36 विमानों के लिए 60 हजार करोड़ देने को तैयार है, लेकिन फ्रांस इसके लिए 65 हजार करोड़ से भी ज्यादा की डिमांड कर रहा है।
भारत-फ्रांस में हुए 13 अहम समझौते
राफेल लड़ाकू विमानों के अलावा भारत और फ्रांस ने अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीक समेत कुल 13 समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। सौर ऊर्जा से लेकर परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष तक के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच अहम समझौते किए गए हैं। मार्स मिशन में दोनों देशों की अंतरिक्ष एजेसिंया मिलकर काम करेंगी। आतंक के मुद्दे पर दोनों देशों ने सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। दोनों देशों ने खुफिया सूचनाएं साझा करने, समुद्री तस्करी और साइबर सुरक्षा के मामलों में भी आपस में सहयोग बढ़ाने पर ज़ोर दिया।
आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की तारीफ
फ्रांसीसी राष्ट्रपति ओलांद ने पेरिस हमले के बाद आतंकवाद के मुद्दे पर मिले भारतीय समर्थन की तारीफ की है। उन्होंने क्लाइमेट चेंज समिट में पीएम मोदी के निभाए रोल की भी तारीफ की। ओलांद ने कहा, 'दायेश (आईएसआईएस) ने हम पर हमला किया। आईएसआईएस हमें उकसा रहा है, लेकिन हम उनके खिलाफ सही निर्णय लेने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो हमारे बच्चों की हत्याएं करेगा। हम उस पर बार बार प्रहार करेंगे। इन कठिन परिस्थितियों में आपके समर्थन के लिए मैं आपका धन्यवाद करना चाहता हूं। फ्रांस कभी भूलेगा नहीं। हमने आतंकवाद के खिलाफ अपने सहयोग को मजबूत करने का निर्णय किया है।'
आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे भारत-फ्रांस
वहीं पीएम मोदी ने कहा, 'पेरिस से पठानकोट तक हमने साझा चुनौती वाले आतंकवाद के भयानक चेहरे को देखा है... मैं ऐसे आतंकी हमलों के विरुद्ध आपके मजबूत संकल्प और कार्रवाई की सराहना करता हूं। राष्ट्रपति ओलांद और मैं हमारे आतंकवाद निरोधी सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने को सहमत हुए हैं, जिससे कि हमारे समाज में कट्टरपंथ और आतंकवाद के खतरों से निपटने में मदद मिल सके।' प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमारा यह भी मानना है कि वैश्विक समुदाय को आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह प्रदान करने और उन्हें वित्तीय मदद, प्रशिक्षण और आधारभूत संरचना सहयोग देने वालों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने की जरूरत है।'
बातचीत के बाद जारी संयुक्त बयान में दोनों देशों ने पाकिस्तान से यह अपील दोहरायी कि वह नवंबर 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के षड्यंत्रकारियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करे। उस हमले में फ्रांस के दो नागरिक भी मारे गए थे। इसमें यह भी कहा गया कि पाकिस्तान भविष्य में ऐसे हमले नहीं होने देना सुनिश्चित करे। इसके अलावा दोनों पक्षों ने हिंसक उग्रवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ तथा भर्तियों, आतंकवादी गतिविधियों और विदेशी आतंकी लड़ाकों के प्रवाह, आतंकवादियों के वित्त पोषण के स्रोतों, उनकी आधारभूत संरचना को ध्वस्त करने तथा इन्हें हथियारों की आपूर्ति रोकने के लिए संयुक्त प्रयास करने की दिशा में कदम उठाने का निर्णय किया है। (एजेंसी इनपुट के साथ)