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This Article is From Apr 08, 2017

पीएम मोदी ने बिना नाम लिए पाकिस्‍तान पर साधा निशाना, कहा- एक मानसिकता क्षेत्र के विकास में रुकावट

पीएम मोदी ने बिना नाम लिए पाकिस्‍तान पर साधा निशाना, कहा- एक मानसिकता क्षेत्र के विकास में रुकावट
शेख हसीना की यात्रा के दौरान भारत और बांग्‍लादेश के बीच 22 समझौते हुए. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: दिल्‍ली के मानेकशां सेंटर में भारत-बांग्‍लादेश संबंधों पर बोलते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि पड़ोसी देशों को साथ लेकर चलना होगा. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि भारत का विकास अकेले अधूरा है. हमारे द्वार हमेशा खुले हैं लेकिन इसके लिए सभी को शांति के रास्‍ते पर साथ चलना होगा. उन्‍होंने पाकिस्‍तान के नाम लिए बिना कहा कि कुछ देशों को मानवतावाद से बड़ा आतंकवाद लगता है. इस तरह की विचारधारा इस क्षेत्र के विकास में रुकावट है.

उन्होंने कहा, "हमारा क्षेत्र तीन विचारधाराओं से परिभाषित होता है, जिससे समाज तथा सरकार की सोच की झलक मिलती है. पहली विचारधारा आर्थिक विकास पर केंद्रित है, जिसमें सभी सामाजिक समूहों को साथ लाना है. बांग्लादेश इसका एक उदाहरण है." मोदी ने कहा, "दूसरी विचारधारा 'सबका साथ सबका विकास' है..भारत के सभी पड़ोसी मुल्कों को भी समृद्ध होना चाहिए. अकेले भारत का विकास अधूरा होगा." बिना नाम लिए पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि तीसरे तरह की विचारधारा आतंकवाद को मानवता से ऊपर रखने की है. उन्होंने कहा, "इस मानसिकता के खिलाफ दक्षिण एशिया में एक ही मानसिकता है... एक मानसिकता जो आतंकवाद को बढ़ावा देती है, जो एक मूल्य प्रणाली पर आधारित है और यह मानवता पर नहीं, बल्कि हिंसा व अतिवाद पर आधारित है."

भारत तथा बांग्लादेश को इसका भुक्तभोगी बताते हुए मोदी ने कहा, "इस विचारधारा का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद का प्रसार करना है. एक ऐसी मानसिकता, जिसमें नीतिनियंता को मानवता से ऊपर आतंकवाद, निर्माण से बड़ा विध्वंस और विश्वास से बड़ा विश्वासघात लगता है. यह मानसिकता शांति, सामाजिक समरसता तथा विकास के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. यह मानसिकता समस्त क्षेत्र के विकास के लिए बाधक है." उन्होंने कहा, "हम कामना करते हैं कि सभी देशों के लोग विकास की तरफ अग्रसर हों. लेकिन, इस आतंकवादी मानसिकता से मुक्ति पाने की जरूरत है." बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के दौरान मोदी ने यह भी कहा कि यह समय उस मानसिकता को खारिज करने का है, जो हजारों निर्दोष लोगों की हत्या का कारण बनती है.

उन्‍होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान मुक्तिवाहनी के शहीदों को नमन किया. उन्‍होंने कहा कि 71 के योद्धाओं का सम्‍मान भारत का सम्‍मान है. इसके साथ ही उन्‍होंने बांग्‍लादेश के साथ संबंधों के बारे में कहा कि इन दोनों के 140 करोड़ नागरिक इन देशों की सत्‍ता और सरकार के मोहताज नहीं हैं और ये इनके बीच के संबंध सदियों पुराने हैं क्‍योंकि ये संस्‍कृति और विरासत को साझा करते हैं.

इससे पहले शनिवार को भारत और बांग्लादेश के बीच करीब 22 समझौते हुए हैं. इसमें कोलकाता से खुलना के बीच एक रेल और दो बस सेवा शामिल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने साझा बयान जारी करके इन समझौते की जानकारी दी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने इससे पहले ट्वीट किया - भारत, बांग्लादेश संबंधों में एक नया अध्याय. प्रधानमंत्री मोदी ने वार्ता से पहले बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का हैदराबाद हाउस में स्वागत किया.

साझा बयान जारी करने के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि बांग्लादेश को 450 करोड़ डॉलर कर्ज़ देने की घोषणा की. साथ ही कहा कि दोनों देश आर्थिक मुद्दों पर मिलकर आगे बढ़ेंगे. पड़ोसी देश को बिजली सप्लाई बढ़ाने की बात भी पीएम मोदी ने की है. उन्होंने कहा है कि इसके साथ ही बांग्लादेश के साथ दोस्ती का नया अध्याय शुरू हो गया है. पीएम मोदी ने कहा कि - हम हमेशा बांग्‍लादेश की समृद्धि चाहते हैं और जरूरी है कि दोनों देश साथ मिलकर आतंकवाद का मुकाबला करें. पीएम मोदी ने उम्मीद जताई कि तीस्ता जल विवाद जल्द सुलझेगा.

मोदी ने शुक्रवार को हवाईअड्डे पर शेख हसीना की अगुवाई की थी. वह भारत के चार दिवसीय दौरे पर हैं. पिछले सात सालों में यह शेख हसीना का पहला भारत दौरा है. वह इससे पहले जनवरी 2010 में भारत आई थीं. इस दौरे के दौरान मोदी, हसीना के सम्मान में भोज की मेजबानी करेंगे, जिसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल होंगी.

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