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This Article is From Feb 23, 2018

ट्रूडो की भारत यात्रा का छठा दिन: पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में की उनसे मुलाकात

सुबह राष्ट्रपति भवन पहुंचे ट्रूडो की अगुवाई पीएम मोदी ने खुद की. उसके बाद ट्रूडो को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया.

ट्रूडो की भारत यात्रा का छठा दिन: पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में की उनसे मुलाकात
राष्ट्रपति भवन में पीएम मोदी ने किया ट्रूडो और परिवार का स्वागत.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत दौरे पर आए कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो की शुक्रवार सुबह राष्ट्रपति भवन में मुलाकात हुई. सुबह राष्ट्रपति भवन पहुंचे ट्रूडो की अगुवाई पीएम मोदी ने खुद की. उसके बाद ट्रूडो को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया. 

पीएम मोदी और जस्टिन ट्रूडो की होने वाली मुलाकात काफी अहम है. इससे पहले पीएम मोदी ने इस मुलाकात को लेकर ट्वीट किया और कहा कि ये द्विपक्षीय वार्ता दोनों देशों के संबंधों में मजबूती लाने के लिए काफी अहम है और वे इसका इंतजार कर रहे हैं.

पीएम मोदी ने मौके ट्रूडो के परिवार से भी मुलाकात की. पीएम मोदी ने गर्मजोशी से पूरे परिवार का स्वागत किया. पीएम मोदी ने ट्रूडो के बच्चों से हाथ मिलाया और उन्हें राष्ट्रपति भवन में लेकर गए.

बता दें कि कनाडा के पीएम जस्टिस ट्रूडो का भारत दौरा विवादों में घिर गया है. पीएम के सम्मान में कनाडा के उच्चायुक्त द्वारा दिए जाने वाले भोज खालिस्तानी आतंकी जसपाल अटवाल को निमंत्रण और इससे पहले मुंबई में अटवाल का ट्रूडो की पत्नी सोफी ट्रूडो के साथ डिनर ने दोनों देशों के कूटनीतिक रिश्ते का जायका बिगाड़ दिया है.

इस मामले में भारत की ओर से आपत्ति जताने के बाद पीएम ट्रूडो ने अटवाल को दिए गए निमंत्रण को भूल माना और कहा कि अब इस भूल को सुधार लिया गया है. वैसे भी ट्रूडो और उनकी पार्टी द्वारा कनाडा में खालिस्तानी आतंकयों को समर्थन के कारण उनकी भारत यात्रा को तवज्जो न मिलने की बात कही जा रही थी. 

विवाद की शुरुआत तब हुई जब वर्ष 1986 में वैंकूवर आइलैंड में कैबिनेट मंत्री मलकीयत सिंह सिंधू की हत्या के प्रयास के आरोपी आतंकी अटवाल की पीएम ट्रूडो की पत्नी के साथ मुंबई में डिनर लेते फोटो वायरल हो गया. इसके तत्काल बाद यह जानकारी सामने आई कि पीएम ट्रूडो के सम्मान में आयोजित भोज में अटवाल को भी निमंत्रण दिया गया. इस पर विवाद शुरू होने और भारत की ओर से आपत्ति जताने के बाद निमंत्रण रद्द किया गया और इस मामले में सफाई भी आई. भारत सरकार की ओर से इस बारे में जांच के आदेश दे दिए गए कि आखिर अटवाल वीजा कैसे जारी किया गया.

कनाडा की ओर से अटवाल को निमंत्रण भेजे जाने को एक भूल बताया और कहा कि अटवाल को किसी भीं सूरत में निमंत्रण नहीं दिया जाना चाहिए था.

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