
पीएम नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम संबोधित किया...
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार ने कामकाजी महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया है जिससे औपचारिक क्षेत्र में काम करने वाली करीब 18 लाख महिलाओं को इसका फायदा मिलेगा. आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं जरूर आज एक बात करना चाहूंगा, क्योंकि आज स्वास्थ्य की ही चर्चा निकली है, स्वास्थ्य की बातें काफी हुई हैं. हमारे देश में कामकाजी वर्ग में जो हमारी महिलायें हैं और दिनों-दिन उनकी संख्या भी बढ़ रही है, उनकी भागीदारी बढ़ रही है और ये स्वागत योग्य है, लेकिन साथ-साथ, महिलाओं के पास विशेष जिम्मेवारियां भी हैं. तो पिछले दिनों भारत सरकार ने एक बढ़ा महत्वपूर्ण निर्णय किया है.
पीएम मोदी ने कहा कि वे परिवार की जिम्मेवारियां संभालती हैं, घर की आर्थिक जिम्मेवारियां भी उनको निभानी पड़ती है और उसके कारण कभी-कभी नवजात शिशु के साथ अन्याय हो जाता है. भारत सरकार ने एक बहुत बड़ा फैसला किया है. ये जो कामकाजी वर्ग की महिलायें हैं, उनको प्रसूति के समय, गर्भावस्था के समय, बच्चे को जन्म देने के समय पहले 12 सप्ताह का मातृत्व अवकाश मिलता था, उसे अब बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि दुनिया में शायद दो या तीन ही देश हैं, जो हम से आगे हैं. भारत ने एक बहुत बड़ा महत्वपूर्ण फैसला हमारी इन बहनों के लिये किया है. और उसका मूल उद्देश्य उस नवजात शिशु की देखभाल, भारत का भावी नागरिक, जन्म के प्रारंभिक काल में उसकी सही देखभाल हो, मां का उसको भरपूर प्यार मिले. तब ये बालक बड़े हो करके देश की अमानत बनेंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि माताओं का स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा और इसलिये ये बहुत बड़ा महत्वपूर्ण निर्णय है. और इसके कारण औपचारिक क्षेत्र में काम करने वाली करीब 18 लाख महिलाओं को इसका फायदा मिलेगा.
पीएम मोदी ने कहा कि वे परिवार की जिम्मेवारियां संभालती हैं, घर की आर्थिक जिम्मेवारियां भी उनको निभानी पड़ती है और उसके कारण कभी-कभी नवजात शिशु के साथ अन्याय हो जाता है. भारत सरकार ने एक बहुत बड़ा फैसला किया है. ये जो कामकाजी वर्ग की महिलायें हैं, उनको प्रसूति के समय, गर्भावस्था के समय, बच्चे को जन्म देने के समय पहले 12 सप्ताह का मातृत्व अवकाश मिलता था, उसे अब बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि दुनिया में शायद दो या तीन ही देश हैं, जो हम से आगे हैं. भारत ने एक बहुत बड़ा महत्वपूर्ण फैसला हमारी इन बहनों के लिये किया है. और उसका मूल उद्देश्य उस नवजात शिशु की देखभाल, भारत का भावी नागरिक, जन्म के प्रारंभिक काल में उसकी सही देखभाल हो, मां का उसको भरपूर प्यार मिले. तब ये बालक बड़े हो करके देश की अमानत बनेंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि माताओं का स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा और इसलिये ये बहुत बड़ा महत्वपूर्ण निर्णय है. और इसके कारण औपचारिक क्षेत्र में काम करने वाली करीब 18 लाख महिलाओं को इसका फायदा मिलेगा.
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