प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के कार्यकाल के अंतिम दिन उन्हें एक पत्र लिखा था (फाइल फोटो)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति के तौर पर उनके आखिरी दिन लिखे एक भावुक पत्र में कहा, 'प्रणब दा, आप हमेशा मेरे लिए पिता समान और मार्गदर्शक रहे हैं.' अलग-अलग राजनीतिक विचारधाराओं वाले दो नेताओं के बीच जुड़ाव को बताने वाला यह पत्र पूर्व राष्ट्रपति ने टि्वटर पर साझा किया.
मुखर्जी ने एक ट्वीट कर कहा, 'राष्ट्रपति के तौर पर कार्यालय में मेरे आखिरी दिन मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक पत्र मिला जिसने मेरा दिल छू लिया. आप सभी के साथ साझा कर रहा हूं.'
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मोदी ने कहा कि वह तीन साल पहले एक बाहरी के तौर पर नई दिल्ली आए थे. प्रधानमंत्री ने कहा, 'मेरा काम बड़ा और चुनौतीपूर्ण था. इस दौरान आप मेरे लिए हमेशा पिता के समान और मार्गदर्शक रहे. आपकी बुद्धिमानी, मार्गदर्शन और स्नेह ने मुझे काफी विश्वास और शक्ति दी.'
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मुखर्जी की अगले दिन ही कार्यालय से विदाई हो गई. प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रणब दा, हमारी राजनीतिक यात्रा को अलग-अलग राजनीतिक दलों में गति मिली. हमारी विचारधाराएं अलग रहीं हैं. हमारे अनुभव भी अलग रहे हैं. मेरे प्रशासनिक अनुभव मेरे राज्य के हैं जबकि आपने दशकों से हमारी राष्ट्रीय राज व्यवस्था और राजनीति को बढ़ते हुए देखा है.
मोदी ने कहा, 'आपके विवेक और आपकी बुद्धिमानी की ही यह शक्ति है जो हम तालमेल के साथ मिलकर काम कर सके.' भाजपा नेता ने भारत के युवाओं के नवोन्मेष और प्रतिभा की पहचान करने की पहलों के लिए राष्ट्रपति भवन खोलने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राष्ट्रपति की प्रशंसा की.
VIDEO: प्रणब मुखर्जी के नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चिट्ठी मोदी ने कहा, 'आप नेताओं की उस पीढ़ी से ताल्लुक रखते हैं जिनके लिए राजनीति का मतलब बिना किसी स्वार्थ के समाज की सेवा करना है. आप भारत के लोगों के लिए प्रेरणा के बड़े स्रोत हैं. भारत को हमेशा आप पर गर्व रहेगा. आपकी विरासत हमारा मार्गदर्शन करती रहेगी.' प्रधानमंत्री ने कहा कि वह और अन्य सभी लोग हर किसी को साथ लेकर चलने की मुखजी की दूरदृष्टि से ताकत लेते रहेंगे. मोदी ने कहा, 'राष्ट्रपति जी, आपके प्रधानमंत्री के तौर पर आपके साथ काम करना गर्व की बात रही.'
(इनपुट भाषा से)
मुखर्जी ने एक ट्वीट कर कहा, 'राष्ट्रपति के तौर पर कार्यालय में मेरे आखिरी दिन मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक पत्र मिला जिसने मेरा दिल छू लिया. आप सभी के साथ साझा कर रहा हूं.'
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मोदी ने कहा कि वह तीन साल पहले एक बाहरी के तौर पर नई दिल्ली आए थे. प्रधानमंत्री ने कहा, 'मेरा काम बड़ा और चुनौतीपूर्ण था. इस दौरान आप मेरे लिए हमेशा पिता के समान और मार्गदर्शक रहे. आपकी बुद्धिमानी, मार्गदर्शन और स्नेह ने मुझे काफी विश्वास और शक्ति दी.'
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुखर्जी के बौद्धिक कौशल ने हमेशा मदद की. उन्होंने 24 जुलाई को लिखे पत्र में कहा, 'आप मेरे प्रति काफी स्नेही और मेरा ध्यान रखने वाले रहे हैं. यह पूछते हुए आपका एक फोन कॉल आना कि 'मैं उम्मीद करता हूं कि आप अपने स्वास्थ्य का ख्याल रख रहे होंगे.', मुझे दिनभर चली बैठकों और प्रचार यात्रा के बाद नई ऊर्जा देने के लिए काफी था.'On my last day in office as the President, I received a letter from PM @narendramodi that touched my heart! Sharing with you all. pic.twitter.com/cAuFnWkbYn
— Pranab Mukherjee (@CitiznMukherjee) 3 August 2017
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मुखर्जी की अगले दिन ही कार्यालय से विदाई हो गई. प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रणब दा, हमारी राजनीतिक यात्रा को अलग-अलग राजनीतिक दलों में गति मिली. हमारी विचारधाराएं अलग रहीं हैं. हमारे अनुभव भी अलग रहे हैं. मेरे प्रशासनिक अनुभव मेरे राज्य के हैं जबकि आपने दशकों से हमारी राष्ट्रीय राज व्यवस्था और राजनीति को बढ़ते हुए देखा है.
मोदी ने कहा, 'आपके विवेक और आपकी बुद्धिमानी की ही यह शक्ति है जो हम तालमेल के साथ मिलकर काम कर सके.' भाजपा नेता ने भारत के युवाओं के नवोन्मेष और प्रतिभा की पहचान करने की पहलों के लिए राष्ट्रपति भवन खोलने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राष्ट्रपति की प्रशंसा की.
VIDEO: प्रणब मुखर्जी के नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चिट्ठी मोदी ने कहा, 'आप नेताओं की उस पीढ़ी से ताल्लुक रखते हैं जिनके लिए राजनीति का मतलब बिना किसी स्वार्थ के समाज की सेवा करना है. आप भारत के लोगों के लिए प्रेरणा के बड़े स्रोत हैं. भारत को हमेशा आप पर गर्व रहेगा. आपकी विरासत हमारा मार्गदर्शन करती रहेगी.' प्रधानमंत्री ने कहा कि वह और अन्य सभी लोग हर किसी को साथ लेकर चलने की मुखजी की दूरदृष्टि से ताकत लेते रहेंगे. मोदी ने कहा, 'राष्ट्रपति जी, आपके प्रधानमंत्री के तौर पर आपके साथ काम करना गर्व की बात रही.'
(इनपुट भाषा से)
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