प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने शनिवार को श्रीलंका (Sri Lanka) के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के साथ अनेक विषयों पर बातचीत की जिनमें द्विपक्षीय संबंध तथा महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने जैसे विषय शामिल रहे. डिजिटल द्विपक्षीय शिखर-वार्ता में अपने प्रारंभिक वक्तव्य में मोदी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि श्रीलंका में राजपक्षे सरकार की नीतियों के आधार पर चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी की बड़ी जीत दोनों देशों के बीच सहयोग को और गहन बनाएगी.
उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव में आपकी पार्टी की विजय के बाद भारत-श्रीलंका के संबंधों में एक नये अध्याय की शुरुआत का अवसर आया है. दोनों देशों के लोग नयी उम्मीद और अपेक्षाओं के साथ हमें देख रहे हैं.'' राजपक्षे ने नौ अगस्त को नये कार्यकाल के लिए श्रीलंकाई प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी. उनकी पार्टी ‘श्रीलंका पीपुल्स फ्रंट' ने संसदीय चुनावों में दो तिहाई बहुमत हासिल किया.
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मोदी ने कहा कि भारत श्रीलंका के साथ अपने संबंधों को प्राथमिकता देता है. वार्ता पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि वार्ता के नतीजों से संबंधों को प्रगाढ़ करने के महत्वाकांक्षी एजेंडा को निर्धारित करने में मदद मिलेगी. महिंदा राजपक्षे के साथ वार्ता में मोदी ने श्रीलंका के साथ बौद्ध संबंधों को बढ़ावा देने के लिए 1.5 करोड़ डॉलर की सहायता देने की घोषणा की.
प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका की नयी सरकार से समानता, न्याय, शांति, गरिमा की तमिलों की आकांक्षा को साकार करने के लिए काम करने को कहा. मछुआरों के मुद्दे पर मोदी और राजपक्षे ने इस दिशा में रचनात्मक और मानवीय दृष्टिकोण से काम करते रहने पर सहमति जतायी. राजपक्षे के साथ वार्ता में मोदी ने तमिल सुलह-सफाई मुद्दे पर श्रीलंका के संविधान के 13 वें संशोधन को लागू करने पर जोर दिया. कर्ज भुगतान टालने के लिए श्रीलंका के आग्रह पर तकनीकी वार्ता जारी है.
मोदी और राजपक्षे ने रक्षा सहयोग की प्रगाढ़ता पर संतोष व्यक्त किया, आगे समुद्री सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने पर सहमति जतायी.
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