अमित शाह ने एनपीआर और एनआरसी पर रखी अपनी बात
अमित शाह ने कहा कि दोनों चीजें अलग हैं.साथ ही उन्होंने कहा कि देश में सीएए पर जो हिंसा हुई उसे कुछ राजनीतिक पार्टियों ने अपने फायदे के लिए करवाया. अब जनता सीएए को समझने लगी है. और यही वजह है कि अब सीएए के खिलाफ देश में हो रहे विरोध प्रदर्शन में हर दिन कमी आ रही है. अमित शाह ने सीएए को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान पुलिस की भूमिका पर भी बात की. उन्होंने कहा कि हमें हमेशा एक ही पक्ष नहीं देखना चाहिए. पुलिस को भी अपनी रक्षा का अधिकारी है. आएये जानते हैं आखिर अमित शाह एनआरसी और एनपीआर को लेकर क्या कहा :
अमित शाह ने कहा कि NRC से देश के किसी नागरिक की नागरिकता नहीं जाने वाली है. मैंने संसद में भी इसे लेकर बयान दिया है.
शाह ने कहा कि NPR को लेकर भी देश में माहौल बनाया जा रहा है. मैं इतना साफ कर देना चाहता हूं कि NRC और NPR में कुछ भी एक जैसा नहीं.
अमित शाह ने कहा कि NPR देश में रहने वाले लोगों की संख्या जानने के लिए हैं.
NPR के तहत अगले साल अप्रैल से मकानों की मैपिंग का काम शुरू होगा. जबकि फरवरी 2021 से जनगणना का काम प्रारंभ किया जाएगा.
देश में फिलहाल कोई डिटेंशन सेंटर नहीं, पीएम की बात पूरी तरह से सही - अमित शाह
NRC से मुस्लिम भाइयों को डरने की जरूरत नहीं है, इससे उनकी नागरिकता नहीं जाएगी.
अमित शाह ने कहा कि NPR न हमारी पार्टी के घोषणापत्र का हिस्सा है न ही हमारी योजना का. यह यूपीए ने बनाया था और यह सही योजना थी इसलिए हम इसे जारी रख रहे हैं.
एनपीआर का कोई सर्वे कभी एनआरसी में काम नहीं आ सकता. इसके डेटा का उपयोग एनआरसी में नहीं हो सकता है.
सीएए के खिलाफ हो रही हिंसा के दौरान शांति बनाने के लिए गृह मंत्रालय ने जो प्रयास किए उसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है.
आज जो असम में एनआरसी लिस्ट में नहीं आए हैं, उसे डिटेंशन सेंटर में नहीं रखा है. देश में डिटेंशन सेंटर असम में ही है.