
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'न्यूनतम सरकार और अधिक प्रशासन' की सोच के तहत 'वैचारिक और दार्शनिक' रूप में अपने इस मंत्रालय को समाप्त करने के पक्ष में हैं।
जावड़ेकर से यह पूछा गया था कि क्या भारत को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की जरूरत है जबकि कई लोकतांत्रिक देशों में ऐसा कोई मंत्रालय नहीं है।
उन्होंने कहा, 'मैं समझता हूं कि आपने हमारे सामने अच्छी बात रखी है। लेकिन अंतत: जब हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अधिक प्रशासन और न्यूनतम सरकार की बात कहते हैं तब आप न्यूनतम सरकार और अधिकतम प्रशासन के विचार में योगदान कर रहे हैं। इसी पर हमारा जोर है लेकिन इसे हासिल करने के लिए आपको प्रक्रिया का पालन करना होगा।'
जावड़ेकर ने कहा, वह चाहेंगे कि सरकार (का दखल) कम से कम हो और स्वतंत्रता तथा बाजार से जुड़ी ताकतों के साथ सामाजिक न्याय को अधिक से अधिक हासिल किया जाए।
करण थापर के कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अपनी बात रख रहे थे।
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