पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पुस्तक 'चेंजिंग इंडिया' का मंगलवार को विमोचन हुआ.
नई दिल्ली:
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि लोग कहते हैं कि मैं मूक प्रधानमंत्री था. मुझे लगता है कि यह पुस्तक खंड (मनमोहन सिंह की किताब) खुद बोलती है.‘चेंजिंग इंडिया' शीर्षक के साथ प्रकाशित छह खंड की अपनी पुस्तक के विमोचन समारोह में उन्होंने यह बात कही.
दिल्ली में मंगलवार को आयोजित उक्त समारोह में मनमोहन सिंह ने कहा कि मैं जब प्रधानमंत्री नहीं था जो प्रेस से बात करने से डरता था. बाद में मैंने नियमित रूप से पत्रकारों से मुलाकात की. विदेश यात्राओं के दौरान मुलाकातें कीं. विमान से वापसी के दौरान भी प्रेस कॉन्फ्रेंस होती थी.
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक बड़ा ‘पावरहाउस' बनना भारत के भाग्य में लिखा है. सन 1991 के बाद से भारत की वार्षिक आर्थिक वृद्धि दर औसतन सात प्रतिशत बनी हुई है. उन्होंने कहा, कि सभी बाधाओं और व्यवधानों के बावजूद भारत सही दिशा में बढ़ता रहेगा. भारत के भाग्य में है कि वह वैश्विक अर्थव्यवस्था का पावर हाउस बने.
यह भी पढ़ें : आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल का इस्तीफा, अर्थव्यवस्था के लिए बड़े झटके की तरह है : मनमोहन सिंह
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रह चुके मनमोहन सिंह ने केंद्रीय बैंक और केंद्र सरकार के संबंधों के बारे में कहा कि रिजर्व बैंक और सरकार का संबंध पति-पत्नी के संबंध की तरह है. दोनों के बीच मतभेदों को निपटाना जरूरी होता है ताकि दोनों सामंजस्य के साथ काम कर सकें. उन्होंने यह बात ऐसे समय कही है जब रिजर्व बैंक के आरक्षित धन के स्तर तथा लघु एवं मझोले उद्यमों के लिए कर्ज के नियम आसान बनाने समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर केंद्रीय बैंक तथा वित्त मंत्रालय के बीच मतभेदों की चर्चा के बीच उर्जित पटेल ने आरबीआई के गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया.
विमोचन समारोह में संवाददाताओं से अलग से बातचीत में मनमोहन सिंह ने कहा कि रिजर्व बैंक की स्वायत्तता तथा स्वतंत्रता का सम्मान होना चाहिए. उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद सरकार ने आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव शक्तिकांत दास को गवर्नर नियुक्त किया है. सिंह ने कहा, ‘जो भी आरबीआई के गवर्नर हैं, मैं उन्हें शुभकामना देता हूं.' पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें एक मजबूत और स्वतंत्र आरबीआई की जरूरत है जो केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करे. उन्होंने कहा, ‘मैं उम्मीद और प्रार्थना करता हूं कि सरकार तथा आरबीआई साथ मिलकर काम करने का रास्ता निकालें.'
VIDEO : मनमोहन सिंह ने केंद्र सरकार के फैसलों पर सवाल उठाए
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकारों द्वारा कृषि ऋण माफी की घोषणा से जुड़े सवाल के जवाब में सिंह ने कहा, ‘हमें चुनावी घोषणा-पत्र में जताई गई प्रतिबद्धता का सम्मान करना है....'' उन्होंने कहा, ‘मैंने प्रभाव के बारे में अध्ययन नहीं किया है लेकिन चूंकि प्रतिबद्धता जताई गई है, अत: हमें उसका सम्मान करना है.'
(इनपुट भाषा से भी)
दिल्ली में मंगलवार को आयोजित उक्त समारोह में मनमोहन सिंह ने कहा कि मैं जब प्रधानमंत्री नहीं था जो प्रेस से बात करने से डरता था. बाद में मैंने नियमित रूप से पत्रकारों से मुलाकात की. विदेश यात्राओं के दौरान मुलाकातें कीं. विमान से वापसी के दौरान भी प्रेस कॉन्फ्रेंस होती थी.
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक बड़ा ‘पावरहाउस' बनना भारत के भाग्य में लिखा है. सन 1991 के बाद से भारत की वार्षिक आर्थिक वृद्धि दर औसतन सात प्रतिशत बनी हुई है. उन्होंने कहा, कि सभी बाधाओं और व्यवधानों के बावजूद भारत सही दिशा में बढ़ता रहेगा. भारत के भाग्य में है कि वह वैश्विक अर्थव्यवस्था का पावर हाउस बने.
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भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रह चुके मनमोहन सिंह ने केंद्रीय बैंक और केंद्र सरकार के संबंधों के बारे में कहा कि रिजर्व बैंक और सरकार का संबंध पति-पत्नी के संबंध की तरह है. दोनों के बीच मतभेदों को निपटाना जरूरी होता है ताकि दोनों सामंजस्य के साथ काम कर सकें. उन्होंने यह बात ऐसे समय कही है जब रिजर्व बैंक के आरक्षित धन के स्तर तथा लघु एवं मझोले उद्यमों के लिए कर्ज के नियम आसान बनाने समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर केंद्रीय बैंक तथा वित्त मंत्रालय के बीच मतभेदों की चर्चा के बीच उर्जित पटेल ने आरबीआई के गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया.
विमोचन समारोह में संवाददाताओं से अलग से बातचीत में मनमोहन सिंह ने कहा कि रिजर्व बैंक की स्वायत्तता तथा स्वतंत्रता का सम्मान होना चाहिए. उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद सरकार ने आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव शक्तिकांत दास को गवर्नर नियुक्त किया है. सिंह ने कहा, ‘जो भी आरबीआई के गवर्नर हैं, मैं उन्हें शुभकामना देता हूं.' पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें एक मजबूत और स्वतंत्र आरबीआई की जरूरत है जो केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करे. उन्होंने कहा, ‘मैं उम्मीद और प्रार्थना करता हूं कि सरकार तथा आरबीआई साथ मिलकर काम करने का रास्ता निकालें.'
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मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकारों द्वारा कृषि ऋण माफी की घोषणा से जुड़े सवाल के जवाब में सिंह ने कहा, ‘हमें चुनावी घोषणा-पत्र में जताई गई प्रतिबद्धता का सम्मान करना है....'' उन्होंने कहा, ‘मैंने प्रभाव के बारे में अध्ययन नहीं किया है लेकिन चूंकि प्रतिबद्धता जताई गई है, अत: हमें उसका सम्मान करना है.'
(इनपुट भाषा से भी)
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