प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
बजट सत्र के हंगामे की भेंट चढ़ने से नाराज़ बीजेपी सांसद अपने अपने चुनाव क्षेत्रों में गुरुवार को उपवास करेंगे. साथ ही पार्टी के बड़े नेता और मंत्री देश के विभिन्न शहरों में उपवास पर बैठेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद दिल्ली में अपने दफ़्तर में उपवास पर रहेंगे. सारे दिन वो अपने दफ्तर में काम करेंगे लेकिन कुछ खाएंगे-पिएंगे नहीं. उस दिन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह कर्नाटक के हुबली में धरना देंगे. वहीं बीजेपी के सारे सांसद भी उपवास करेंगे.
बीजेपी के कई मंत्री भी उपवास करेंगे. रविशंकर प्रसाद पटना में, गिरिराज सिंह नवादा में, महेश शर्मा नोएडा में, जेपी नड्डा वाराणसी में, प्रकाश जावड़ेकर बेंगलुरु में, राधामोहन सिंह मोतिहारी में, थावरचंद गहलौत इंदौर में और निर्मला सीतारमन चेन्नई में उपवास पर रहेंगे. वहीं दिल्ली में सुषमा स्वराज, राजनाथ सिंह, धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल, सुरेश प्रभु, मेनका गांधी, मीनाक्षी लेखी, स्मृति ईरानी उपवास रखेंगे.
भाजपा सांसदों को शुक्रवार को संबोधित करते हुए मोदी ने विपक्ष और खासतौर पर कांग्रेस पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा कि संसद में गतिरोध के विरोध में भाजपा सांसद 12 अप्रैल को उपवास रखेंगे. कांग्रेस ने भाजपा के कार्यक्रम से पहले ही देश में सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिये नौ अप्रैल को पार्टी सदस्यों के एक दिन का उपवास करने की घोषणा की थी. भाजपा के सभी सांसद 12 अप्रैल को अपने - अपने संसदीय क्षेत्रों में उपवास रखेंगे. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह उसी दिन कर्नाटक के हुबली में धरना देंगे.
कांग्रेस ने पीएम मोदी के उपवास को बताया ढोंग
वहीं कांग्रेस ने पीएम मोदी के उपवास को ढोंग बताया था. कांग्रेस ने मंगलवार को कहा था कि संसद के बजट सत्र में काम बाधित किये जाने के विरोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुरुवार को एक दिन का उपवास करने की घोषणा ‘ढोंग’ है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को युवाओं, दलितों और समाज के अन्य वर्गों से माफी मांगनी चाहिए जिन्हें उनकी सरकार द्वारा कथित रूप से नीचा दिखाया गया. कांग्रेस के संचार प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा था कि भाजपा नीत केन्द्र सरकार को लोकसभा में पूर्ण बहुमत के बावजूद संसद का कामकाज नहीं होने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.
VIDEO: 12 अप्रैल को पीएम का उपवास
उन्होंने संवाददाताओं से कहा था, ‘‘मोदी सरकार द्वारा उपवास एक ढोंग है. भाजपा को राष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए और 250 से अधिक घंटों तक संसद को बाधित करने के लिए उपवास करना चाहिए. लोकसभा में जहां भाजपा का बहुमत है वहां इसके समय का केवल एक प्रतिशत समय कामकाज हुआ और राज्यसभा में केवल छह प्रतिशत काम हुआ.’’ सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि सरकार ने संसद का ‘निरादर’ और ‘स्तर नीचा’ किया है.
बीजेपी के कई मंत्री भी उपवास करेंगे. रविशंकर प्रसाद पटना में, गिरिराज सिंह नवादा में, महेश शर्मा नोएडा में, जेपी नड्डा वाराणसी में, प्रकाश जावड़ेकर बेंगलुरु में, राधामोहन सिंह मोतिहारी में, थावरचंद गहलौत इंदौर में और निर्मला सीतारमन चेन्नई में उपवास पर रहेंगे. वहीं दिल्ली में सुषमा स्वराज, राजनाथ सिंह, धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल, सुरेश प्रभु, मेनका गांधी, मीनाक्षी लेखी, स्मृति ईरानी उपवास रखेंगे.
भाजपा सांसदों को शुक्रवार को संबोधित करते हुए मोदी ने विपक्ष और खासतौर पर कांग्रेस पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा कि संसद में गतिरोध के विरोध में भाजपा सांसद 12 अप्रैल को उपवास रखेंगे. कांग्रेस ने भाजपा के कार्यक्रम से पहले ही देश में सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिये नौ अप्रैल को पार्टी सदस्यों के एक दिन का उपवास करने की घोषणा की थी. भाजपा के सभी सांसद 12 अप्रैल को अपने - अपने संसदीय क्षेत्रों में उपवास रखेंगे. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह उसी दिन कर्नाटक के हुबली में धरना देंगे.
कांग्रेस ने पीएम मोदी के उपवास को बताया ढोंग
वहीं कांग्रेस ने पीएम मोदी के उपवास को ढोंग बताया था. कांग्रेस ने मंगलवार को कहा था कि संसद के बजट सत्र में काम बाधित किये जाने के विरोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुरुवार को एक दिन का उपवास करने की घोषणा ‘ढोंग’ है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को युवाओं, दलितों और समाज के अन्य वर्गों से माफी मांगनी चाहिए जिन्हें उनकी सरकार द्वारा कथित रूप से नीचा दिखाया गया. कांग्रेस के संचार प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा था कि भाजपा नीत केन्द्र सरकार को लोकसभा में पूर्ण बहुमत के बावजूद संसद का कामकाज नहीं होने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.
VIDEO: 12 अप्रैल को पीएम का उपवास
उन्होंने संवाददाताओं से कहा था, ‘‘मोदी सरकार द्वारा उपवास एक ढोंग है. भाजपा को राष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए और 250 से अधिक घंटों तक संसद को बाधित करने के लिए उपवास करना चाहिए. लोकसभा में जहां भाजपा का बहुमत है वहां इसके समय का केवल एक प्रतिशत समय कामकाज हुआ और राज्यसभा में केवल छह प्रतिशत काम हुआ.’’ सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि सरकार ने संसद का ‘निरादर’ और ‘स्तर नीचा’ किया है.
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