भारत ने आज पाकिस्तान के उप-उच्चायुक्त को तलब कर पाकिस्तान में मुंबई आतंकी हमले का मुकदमा स्थगित होने के खिलाफ कड़ी आपत्ति जताई।
एक ओर पाकिस्तान उप उच्चायुक्त को विदेश मंत्रालय ने तलब किया, वहीं भारतीय उप-उच्चायुक्त इस्लामाबाद में पाकिस्तान विदेश कार्यालय गए और इसी तरह का विरोध दर्ज कराया।
मामले से अवगत सूत्रों ने बताया है कि नई दिल्ली और इस्लामाबाद में पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ अपनी बैठकों में भारतीय अधिकारियों ने मुकदमे की प्रगति और पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा की जा रही जांच की नियमित जानकारी की मांग की।
समझा जाता है कि भारतीय अधिकारियों ने बैठक में दोहराया कि 2008 मुंबई आतंकी हमला मामले में पाकिस्तान सभी जिम्मेदार लोगों को न्याय के कठघरे में लाए। हमले में 166 लोग मारे गए थे और सैकड़ों अन्य घायल हुए थे। लगातार सातवीं बार पाकिस्तान की आतंक निरोधी अदालत की कार्यवाही बुधवार को स्थगित हो गई। मुंबई हमले में सात आरोपियों पर इस अदालत में मामला चलाया जा रहा है।
न्यायाधीश के छुट्टी पर रहने के कारण 25 जून को मामले की सुनवाई नहीं हो पाई थी। अभियोजन वकीलों की गैरमौजूदगी के कारण मामले की सुनवाई नियमित आधार पर नहीं हो पाती है।
28 मई, 4 जून, 18 जून और 2 जुलाई को मुख्य रूप से सुरक्षा कारणों से रावलपिंडी अदालत में सुनवाई में अभियोजन वकील उपस्थित नहीं हुए थे।
लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशन कमांडर जकीउर रहमान लखवी, अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमाद अमीन सादिक , शाहिद जमीन रियाज, जमील अहमद और अंजुम पर साजिश रचने, वित्तीय मदद मुहैया कराने और हमले की साजिश को अंजाम देने का आरोप है।
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