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This Article is From Jan 14, 2016

पाकिस्तान की एसआईटी के भारत आगमन को मंजूरी, सबूतों पर कार्रवाई की अपेक्षा

पाकिस्तान की एसआईटी के भारत आगमन को मंजूरी, सबूतों पर कार्रवाई की अपेक्षा
पठानकोट में आतंकी हमले के घटनास्थल की फाइल फोटो।
नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान को उसकी एसआईटी यहां भेजने को मंजूरी तो दे दी है लेकिन गृह मंत्रालय का कहना है कि भारत के दिए गए सबूतों पर अगर पाकिस्तान ठोस कर्रवाई नहीं करेगा तो भारत में आकर उसकी जांच से कुछ निकलने वाला नहीं है।

पाकिस्तान की कार्रवाई पर भारत की करीबी नजर है। शायद यह भी एक वजह है कि पाकिस्तान की कार्रवाई का स्वागत करने के बावजूद नई तारीखों पर भारत ने बात नहीं की है।

पाकिस्तान पर जांच का दबाव
दरअसल पठानकोट की जांच का हाल 26/11 जैसा न हो, भारत सरकार को इसका भी खयाल है। इसलिए पाकिस्तान पर जांच का दबाव बनाए रखा जाएगा। NDTV इंडिया को गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान को यह संदेश भी दिया गया है कि वह दिए हुए सबूतों पर कार्रवाई करे तभी और सबूत मांगे। पाकिस्तान को जो नंबर दिए गए हैं, उनके मालिकों की पहचान हो। यहां से गए फोन उठाने वालों के खिलाफ केस दर्ज हो तभी पाकिस्तान को और सबूतों की मांग करने का हक बनता है।

पाकिस्तान बताए कि उसने वहां क्या कार्रवाई की
एक सीनियर अफसर ने NDTV इंडिया को बताया कि ''पाकिस्तान का कहना है कि उसने जैश से जुड़े कई लोगों को हिरासत में ले लिया है यह कौन हैं किन धाराओं के उन्हें हिरासत में लिया है, मामला कहां दर्ज किया है, वह तो पहले बताएं।"  गृह मंत्रालय के मुताबिक भारत में पाकिस्तान की टीम को सभी सहयोग मिलेगा लेकिन पाकिस्तान को यह साफ करने  की जरूरत है कि किन धाराओं के तहत पाकिस्तान की एसआईटी भारत आकर सबूत इकट्ठे करना चाहती है। भारत ने पाकिस्तान को सटीक लीड्ज़ दी है, जिस पर सटीक डिटेन्शन होनी चाहिए। अभी तो ऐसा लगता है कि पाकिस्तान ने "रोविंग एंक्वरी" ऑर्डर की है और पाकिस्तानी टीम पठानकोठ बेस पर्यटकों की तरह आना चाहती है।

दरअसल भारत-पाक के बीच दहशत की जांच में लुकाछिपी का यह खेल पुराना है, जिसे भारत और पाकिस्तान दोनों खूब समझने लगे हैं।

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