पाकिस्तानी उच्चायुक्त हजरत निजामुद्दीन औलिया दरगाह की इफ्तार में शामिल हुए

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के मौजूदा दौर में इस तरह से पाकिस्तान के उच्चायुक्त का सार्वजनिक जगह पर इफ़्तार में शामिल होना ख़ास अहमियत रखता है.

पाकिस्तानी उच्चायुक्त हजरत निजामुद्दीन औलिया दरगाह की इफ्तार में शामिल हुए

हजरत निजामुद्दीन दरगाह की इफ्तार में पाकिस्‍तानी उच्‍चायुक्‍त

नई दिल्‍ली:

भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त मोहम्मद सोहेल महमूद नई दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन औलिया दरगाह के इफ्तार पार्टी में शरीक हुए. इफ्तार में शामिल होने के लिए दरगाह पहुंचने पर पाकिस्तान के उच्चायुक्त का स्वागत सजदा नशीन दीवान, ताहिर निजामी दीवान, मूसा निजामी के साथ निजामुद्दीन ऑलिया स्प्रिचुअल फाउंडेशन के दूसरे सदस्यों ने किया. फाउंडेशन के चेयरमैन मूसा निजामी के साथ पाकिस्तानी हाई कमिश्नर सोहेल महमूद ने दरगाह में मौजूद बड़ी तादाद में जायरीन को इफ्तार पेश किया.

इसके बाद दीवान मूसा निजामी ने परंपरागत तौर पर की जाने वाली दस्तारबंदी की पाकिस्तानी हाई कमिश्नर सोहेल महमूद ने दरगाह में अपनी श्रद्धा अर्पित किए. हजरत निजामुद्दीन हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के तीसरे दार्शनिक उत्तराधिकारी थे. इनसे पहले हजरत कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी और हजरत बदीउद्दीन गंजशकर उत्तराधिकारी रहे. पिछले 800 से ज्यादा सालों से निजामुद्दीन दरगाह सूफी विचारों और उस पर चलने की प्रेरणा देने वाला स्थल रहा है.

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के मौजूदा दौर में इस तरह से पाकिस्तान के उच्चायुक्त का सार्वजनिक जगह पर इफ़्तार में शामिल होना ख़ास अहमियत रखता है. हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक स्तर पर बड़ी तनातनी रही. दोनों देशों ने अपने अपने डिप्लोमैट्स और हाई कमीशन स्टाफों के साथ गलत व्यवहार किए जाने, परेशान किए जाने और काम में बाधा पहुंचाने जैसे आरोप लगाए.

हालात इस हद तक बिगड़े कि पाकिस्तान ने अपने उच्च आयुक्त को इस्लामाबाद बुलाकर सलाह मशवरा किया. हालांकि दोनों देशों ने कूटनीतिक समझदारी का परिचय देते हुए विवाद को सुलझा लिया. नहीं तो स्थिति कुछ इस तरह की बन रही थी कि कहीं दोनों देश अपने अपने हाई कमीशन को न्यूनतम स्टाफ के जरिए चलाने का फैसला न ले लें.


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