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This Article is From Nov 27, 2020

पाकिस्तान में बलात्कारियों को नपुंसक बनाने का क़ानून लागू, फांसी की सजा भी संभव

Pakistan के प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई बैठक में नए कानून को सैद्धांतिक मंज़ूरी दी गई. इसके बाद अध्यादेश के ज़रिए बलात्कार के खिलाफ इस क़ानून को लागू कर दिया गया.

पाकिस्तान में बलात्कारियों को नपुंसक बनाने का क़ानून लागू, फांसी की सजा भी संभव
Pakistan के पहले कई अन्य इस्लामिक देशों में बलात्कारियों को ऐसी कठोर सजा का कानून लागू.
नई दिल्ली:

पाकिस्तान ने बलात्कारियों को रासायनिक तरीक़े से नपुंसक (Pakistan rapist impotent) बनाए जाने की सज़ा का कानून लागू कर दिया है. दुनिया के कई अन्य इस्लामिक देशों में भी इसी तरह का कानून पहले से ही चल रहा है. पाकिस्तान सरकार ने दुष्कर्म (Rape) के अपराध को नए सिरे से परिभाषित भी किया है. इस जुर्म के तहत न सिर्फ़ नपुंसक बनाने बल्कि फांसी की सजा देने का प्रावधान भी किया गया है. हालांकि फांसी की सजा (Death Sentence) सार्वजनिक तौर पर नहीं दी जाएगी.

इस क़ानून को लेकर कानून मंत्री फ़ारुघ़ नसीम का कहना है कि अंतराष्ट्रीय क़ानूनों के मद्देनज़र नपुंसक बनाने से पहले दोषी की सहमति लेना ज़रुरी है. अन्यथा नपुंसक बनाने के फ़ैसले को बलात्कारी की तरफ़ से कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है. कोर्ट ही इस सज़ा पर मुहर लगा सकता है. कोर्ट यह भी तय करेगा कि दोषी को कुछ समय के लिए नपुंसक बनाया जाए या फिर पूरी उम्र के लिए. कानून में ये प्रावधान भी किया गया है कि अगर बलात्कार का दोषी अपनी सहमति नहीं देता है तो फिर उसे फांसी की सज़ा या फिर 25 साल की उम्र क़ैद दी जा सकती है. ये भी कोर्ट ही तय करेगा.

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पाकिस्तान में बलात्कार की बढ़ती वारदातों (Rape Incident) के मद्देनज़र इस क़ानून को लाया गया है. हाल ही में सिंध में एक महिला और उसकी बेटी के साथ बलात्कार की जघन्य वारदात के बाद ख़ुद प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime Minister Imran Khan)ने बलात्कार के अपराध के लिए कठोर कानून बनाने के निर्देश दिए थे. प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में मंगलवार को बैठक हुई. इसमें नए कानून को सैद्धांतिक मंज़ूरी दे दी गई. इसके बाद अध्यादेश के ज़रिए इस क़ानून को लागू कर दिया गया है. इस कानून के तहत स्पेशल कोर्ट और एंटी रेप क्राइसिस सेल बनाने, पीड़ितों और गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रावधान भी किया गया है. सिर्फ़ जज और वकील ही रेप पीड़िता से सवाल जवाब कर सकेंगे, बलात्कार का आरोपी नहीं.

 विवादित ‘टू फिंगर टेस्ट' जांच भी खत्म की
पाकिस्तान ने नए कानून में ‘टू फिंगर टेस्ट' (Two Finger Test)  के प्रावधान को हटा दिया है. मानवाधिकार संगठनों ने इसे पीड़ित महिलाओं की मर्यादा के ख़िलाफ़ बताया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन इसे पहले ही अवैज्ञानिक तरीक़ा बता चुका है. पाकिस्तान ने रेप मामलों की जांच के आधुनिक उपकरणों और तौरतरीक़ों को अपनाने का प्रावधान भी किया है. बलात्कार की परिभाषा में ट्रांसजेंडर और गैंगरेप को भी शामिल किया गया है. पाक में इसे बड़े फ़ैसले के तौर पर देखा जा रहा है.

यौन अपराधियों का डेटाबेस भी बनेगा
पाकिस्तान यौन अपराधियों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार करने की योजना भी बना रहा है, ताकि इस तरह के जुर्म को अंजाम देने वालों को सख़्त सज़ा दी जा सके. बार बार बलात्कार जैसा जघन्य अपराध करने वालों को रासायनिक तरीक़े से नपुंसक बनाने का कानून बनने से उम्मीद की जा रही है कि बलात्कार के अपराधों में कमी आएगी. पाकिस्तान कैबिनेट की बैठक में कुछ मंत्रियों ने मांग की है कि बलात्कारी को खुले में फांसी देने का प्रावधान किया जाए जबकि कुछ ने इसका विरोध किया.

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