रूस से उफा में पीएम मोदी की पाकिस्तानी समकक्ष के साथ मुलाकात की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) स्तर की बातचीत से चंद दिनों पहले भारत और पाकिस्तान के बीच आज कश्मीर मुद्दे पर जुबानी जंग छिड़ गई। पाकिस्तान ने जहां कहा कि वह कश्मीरियों के 'आजादी के जायज संघर्ष' को कभी नहीं छोड़ेगा। इस पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद जम्मू-कश्मीर में एकमात्र संघर्ष है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया, 'जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद ही एकमात्र संघर्ष है। एनएसए स्तर की आगामी बातचीत में यह एक मुद्दा होगा।'
स्वरूप ने यह टिप्पणी तब की जब भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा कि उनका देश कश्मीरियों के 'आजादी के जायज संघर्ष' को कभी नहीं छोड़ेगा और भारत के साथ सामान्य और सहयोगी संबंधों के लिए दशकों पुराने इस विवाद को सुलझाना जरूरी है। बासित ने पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर यहां आयोजित एक समारोह में यह बात कही।
पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं को न तो नजरअंदाज किया जा सकता है और न ही उन्हें ठंडे बस्ते में डाला जा सकता है। उनके जायज संघर्ष में भले ही और कितना भी समय लगे, पाकिस्तान कश्मीरियों और उनके आंदोलन को नहीं छोड़ेगा।' उन्होंने इस बात पर जोर दिया, 'पाकिस्तान भारत के साथ हमेशा सामान्य एवं सहयोगी संबंध चाहता है। इसके लिए यह जरूरी है कि संबंधों को सुधारने के लिए खासकर जम्मू-कश्मीर विवाद समेत सभी मौजूदा मसलों को सुलझाया जाए।'
आपको बता दें कि भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नई दिल्ली में 23 अगस्त को पहली बार आतंकवाद संबंधी मसलों पर चर्चा करेंगे। इस संबंध में निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ की बीते महीने रूस से उफा में हुई बैठक में लिया गया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया, 'जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद ही एकमात्र संघर्ष है। एनएसए स्तर की आगामी बातचीत में यह एक मुद्दा होगा।'
.@RajeahLalwani The only struggle in J&K is against Pakistani sponsored terrorism. This will be the subject of the upcoming NSA level talks.
— Vikas Swarup (@MEAIndia) August 14, 2015
स्वरूप ने यह टिप्पणी तब की जब भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा कि उनका देश कश्मीरियों के 'आजादी के जायज संघर्ष' को कभी नहीं छोड़ेगा और भारत के साथ सामान्य और सहयोगी संबंधों के लिए दशकों पुराने इस विवाद को सुलझाना जरूरी है। बासित ने पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर यहां आयोजित एक समारोह में यह बात कही।
पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं को न तो नजरअंदाज किया जा सकता है और न ही उन्हें ठंडे बस्ते में डाला जा सकता है। उनके जायज संघर्ष में भले ही और कितना भी समय लगे, पाकिस्तान कश्मीरियों और उनके आंदोलन को नहीं छोड़ेगा।' उन्होंने इस बात पर जोर दिया, 'पाकिस्तान भारत के साथ हमेशा सामान्य एवं सहयोगी संबंध चाहता है। इसके लिए यह जरूरी है कि संबंधों को सुधारने के लिए खासकर जम्मू-कश्मीर विवाद समेत सभी मौजूदा मसलों को सुलझाया जाए।'
आपको बता दें कि भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नई दिल्ली में 23 अगस्त को पहली बार आतंकवाद संबंधी मसलों पर चर्चा करेंगे। इस संबंध में निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ की बीते महीने रूस से उफा में हुई बैठक में लिया गया था।
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