अपने अधिकार में कटौती को लेकर ऑप्टोमेट्रिस्ट जंतर मंतर पर भूख हड़ताल पर बैठे हैं। इनकी मांग है कि इनके लिए भी एक रेग्यूलेटरी बॉडी हो। इनका भी काउंसिल हो।
दरअसल जब इनलोगों ने चार साल के इस डिग्री कोर्स में दाखिला लिया तो उस वक्त लिखित तौर पर कहा गया कि आंख से जुड़ी बीमारी का इलाज ऑप्टोमेट्रिस्ट करेंगे। लेकिन 1992 में इनके अधिकार में कटौती कर दी गई और बदलाव के तहत कहा गया कि ये लोग आंख से जुड़े किसी भी मरीज को एक मेडिकल ऑफिसर की निगरानी में देख सकेंगे।
मजे की बात है कि जिस कमेटी ने इनके अधिकार में बदलाव किया उसकी फाइल भी स्वास्थ्य मंत्रालय से लापता है। अंधेपन के आंकड़े पर नजर डालें तो विश्व का हर पांच अंधा व्यक्ति भारतीय है।
भूख हड़ताल पर बैठे अजित भारद्वाज बताते हैं कि जो वादे कोर्स करते समय हमसे किए गए, अब पूरा नहीं किया जा रहा। हमारे साथ तो फ्रॉड हुआ है। भारत में 1958 से ऑप्टोमेट्री का कोर्स 58 विश्वविद्यालय में चल रहा है। अभी भारत में करीब 40 हजार ऑप्टोमेट्रिस्ट हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं