
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा .(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने मंगलवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग यानी इमपीचमेंट मोशन लाने के लिए विपक्षी पार्टियों से बात हो रही है, लेकिन सवाल यह है कि क्या सीपीएम के भीतर खुद सब कुछ ठीकठाक है?
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सीताराम येचुरी के समाचार एजेंसी ANI को दिए बयान के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व महासचिव प्रकाश करात ने एनडीटीवी इंडिया से कहा कि इस बारे में पार्टी ने कोई फैसला नहीं किया है. सवाल यह है कि क्या पार्टी में इतने बड़े मुद्दे पर एक राय नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के चार जजों की पिछली 12 जनवरी को हुई इस प्रेस कांफ्रेंस के बाद अब तक यह सवाल बना हुआ कि न्यायपालिका में सब कुछ ठीक-ठाक हुआ है या नहीं? सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी कह रहे हैं कि वह विपक्ष के साथ मिलकर मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया जाए, इस बात मशविरा कर रहे हैं.
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सूत्रों के मुताबिक सीताराम येचुरी ने वरिष्ठ नेता शरद यादव और एनसीपी के तारिक अनवर के अलावा कुछ और नेताओं से भी इस बारे में बात की है. सुप्रीम कोर्ट या हाइकोर्ट के जज के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की प्रक्रिया काफी लंबी होती है, जिसे संसद के दोनों सदनों से पास कराना ज़रूरी है. संसद के किसी भी सदन के पीठासीन अधिकारी (लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा के सभापति) की सहमति से ये प्रक्रिया शुरू हो सकती है, लेकिन इसे शुरू करने से पहले राज्यसभा के 50 सांसदों या लोकसभा के 100 सांसदों का सहमति पत्र देना जरूरी होता है. ज़ाहिर है बिना विपक्षी एकता के सदन में इस मुद्दे पर कुछ नहीं हो सकता.
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लेकिन एनडीटीवी ने जब इस बारे में सीपीएम के पूर्व महासचिव प्रकाश करात से पूछा तो उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर इस मुद्दे पर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. सीपीएम में पहले ही आने वाले चुनावों में कांग्रेस के साथ तालमेल के मुद्दे पर प्रकाश करात और सीताराम येचुरी के खेमों के बीच तीखा टकराव हुआ था. पिछले हफ्ते कोलकाता में इस मामले में सीताराम येचुरी का प्रस्ताव पार्टी की निर्णायक मानी जाने वाली केंद्रीय समिति में नहीं माना गया.
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अब सवाल यह है कि एक ओर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाए जाने की बात है. दूसरी ओर अभी ये साफ नहीं है कि इस प्रस्ताव को कितना समर्थन मिलेगा. खासतौर से सीपीएम के भीतर क्या इस पर एका है यही साफ नहीं है.
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सीताराम येचुरी के समाचार एजेंसी ANI को दिए बयान के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व महासचिव प्रकाश करात ने एनडीटीवी इंडिया से कहा कि इस बारे में पार्टी ने कोई फैसला नहीं किया है. सवाल यह है कि क्या पार्टी में इतने बड़े मुद्दे पर एक राय नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के चार जजों की पिछली 12 जनवरी को हुई इस प्रेस कांफ्रेंस के बाद अब तक यह सवाल बना हुआ कि न्यायपालिका में सब कुछ ठीक-ठाक हुआ है या नहीं? सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी कह रहे हैं कि वह विपक्ष के साथ मिलकर मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया जाए, इस बात मशविरा कर रहे हैं.
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लेकिन एनडीटीवी ने जब इस बारे में सीपीएम के पूर्व महासचिव प्रकाश करात से पूछा तो उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर इस मुद्दे पर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. सीपीएम में पहले ही आने वाले चुनावों में कांग्रेस के साथ तालमेल के मुद्दे पर प्रकाश करात और सीताराम येचुरी के खेमों के बीच तीखा टकराव हुआ था. पिछले हफ्ते कोलकाता में इस मामले में सीताराम येचुरी का प्रस्ताव पार्टी की निर्णायक मानी जाने वाली केंद्रीय समिति में नहीं माना गया.
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अब सवाल यह है कि एक ओर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाए जाने की बात है. दूसरी ओर अभी ये साफ नहीं है कि इस प्रस्ताव को कितना समर्थन मिलेगा. खासतौर से सीपीएम के भीतर क्या इस पर एका है यही साफ नहीं है.
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