दिल्ली में किसानों का आंदोलन समाप्त हुए अभी 4 दिन भी नहीं बीते हैं, लेकिन अब सरकार के सामने एक और समस्या खड़ी हो सकती है. दरअसल, अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS से संबद्ध भारतीय किसान संघ (बीकेएस) ने हड़ताल की चेतावनी दी है. बीकेएस ने चेतावनी दी कि अगर भाजपा सरकार किसानों के मुद्दों पर ध्यान नहीं देती है तो वह गुजरात में आंदोलन करेंगे. अकेले गुजरात में इस किसान इकाई से करीब 5 लाख सदस्य जुड़े हुए हैं. किसानों की मुख्य मांगों में न्यूनतम समर्थन मूल्य के अनुसार तत्काल खरीफ (ग्रीष्मकालीन) फसल की खरीददारी, खाद के दामों में कमी, फसल नुकसान का सर्वेक्षण और कृषि संबंधित उत्पादों से जीएसटी हटाना शामिल है. बीकेएस के अध्यक्ष विट्ठल दुधात्रा ने बताया कि यह इकाई 15 अक्टूबर को रैलियां आयोजित करेगी और प्रत्येक जिले में अधिकारियों को ज्ञापन सौंपेगी.
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विट्ठल दुधात्रा ने कहा, “ अगर राज्य सरकार इस पर कदम नहीं उठाती है तो हम आने वाले दिनों में जोरदार आंदोलन शुरू करेंगे''. आपको बता दें कि कल ही खबर आई थी कि मध्य प्रदेश से 25 हजार किसानों (Farmer) ने दिल्ली के लिए कूच किया है. हाथ में झंडा और कंधे पर झोला टांगे हुए किसान आगरा-मुंबई मार्ग से दिल्ली की ओर रवाना हुए हैं. पहले दिन किसान सत्याग्रही 19 किमी की दूरी तय कर मुरैना जिले की सीमा में दाखिल हुए. भूमि अधिकार की मांग को लेकर देश भर के भूमिहीन गांधी जयंती पर मेला मैदान में जमा हुए थे. दो दिन तक वहीं डेरा डाले रहे. फिर गुरुवार को उन्होंने दिल्ली की ओर कूच किया. वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) और संघ विचारक गोविंदाचार्य ने इन किसानों को समर्थन दिया है. (इनपुट- भाषा से भी)
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