आजम खान ने मुजफ्फरनगर में पुलिस पर दबाव डालने के आरोप से इनकार किया
लखनऊ:
मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े एक कथित 'स्टिंग ऑपरेशन' में नाम उछलने के बाद विपक्ष के निशाने पर आए उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री आजम खान ने बुधवार को कहा कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है और न ही वह इस बारे में कोई सफाई देना चाहते हैं।
आजम खान ने संवाददाताओं से कहा, जिस समाचार चैनल ने स्टिंग ऑपरेशन करने की कोशिश की है, उसको जांच भी कर लेनी चाहिए और मुझे सजा भी सुना देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि चैनल ने अपने शब्द उन पुलिसकर्मियों के मुंह में डाले हैं, जिन्हें उस ऑपरेशन का आधार बनाया गया है। इसके अलावा उसके रिपोर्टर द्वारा पूछे गए सवाल को नहीं सुनाया गया, यह सही नहीं है। खान ने कहा कि उनके अधिकारियों और दफ्तर के टेलीफोन नंबरों के विवरण की जांच की जानी चाहिए। अगर यह साबित हो जाए कि उन्होंने किसी पुलिस अधिकारी को टेलीफोन किया था, तो उन्हें जो सजा देना चाहें, दे दी जाए।
उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि उन्होंने पुलिस के कामकाज में कभी दखलंदाजी नहीं की और ऐसा करने की बजाय वह मर जाना पसंद करेंगे। उन्होंने कहा कि वह एक साधारण आदमी हैं और किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगे।
गौरतलब है कि एक समाचार चैनल ने अपने कथित स्टिंग ऑपरेशन में मुजफ्फरनगर के कुछ पुलिसकर्मियों को यह कहते हुए दिखाया कि खान ने उन्हें दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई करने से रोका था। यह पूछे जाने पर कि क्या स्टिंग के पीछे किसी का निहित स्वार्थ है, खान ने कहा कि हर किसी का कोई न कोई हित छिपा रहता है।
मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के तबादले में हाथ होने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि मीडिया को खुद जाकर उन अधिकारियों से बातचीत करनी चाहिए और वे उनकी तारीफ ही करेंगे। मुजफ्फरनगर में हुए सांप्रदायिक दंगों को लेकर नाराजगी से जुड़े सवाल पर आजम ने कहा कि ये महज अटकलें हैं और इनमें कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा, मीडिया सिर्फ मेरी खुशी और नाराजगी को भांपते ही अटकलें लगाना शुरू कर देता है, लेकिन इस वक्त इसकी कोई जरूरत नहीं है। जरूरत इस बात की है कि मुजफ्फरनगर में हालात सामान्य हों और दोनों तबकों के रिश्तों में सुधार हो।
दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना अहमद बुखारी की मुजफ्फरनगर यात्रा के बारे में पूछे जाने पर खान ने कहा कि देश में 125 करोड़ लोग रहते हैं और उनमें से कोई भी कहीं भी जा सकता है। देश का संविधान इसकी इजाजत देता है।
आजम खान ने संवाददाताओं से कहा, जिस समाचार चैनल ने स्टिंग ऑपरेशन करने की कोशिश की है, उसको जांच भी कर लेनी चाहिए और मुझे सजा भी सुना देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि चैनल ने अपने शब्द उन पुलिसकर्मियों के मुंह में डाले हैं, जिन्हें उस ऑपरेशन का आधार बनाया गया है। इसके अलावा उसके रिपोर्टर द्वारा पूछे गए सवाल को नहीं सुनाया गया, यह सही नहीं है। खान ने कहा कि उनके अधिकारियों और दफ्तर के टेलीफोन नंबरों के विवरण की जांच की जानी चाहिए। अगर यह साबित हो जाए कि उन्होंने किसी पुलिस अधिकारी को टेलीफोन किया था, तो उन्हें जो सजा देना चाहें, दे दी जाए।
उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि उन्होंने पुलिस के कामकाज में कभी दखलंदाजी नहीं की और ऐसा करने की बजाय वह मर जाना पसंद करेंगे। उन्होंने कहा कि वह एक साधारण आदमी हैं और किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगे।
गौरतलब है कि एक समाचार चैनल ने अपने कथित स्टिंग ऑपरेशन में मुजफ्फरनगर के कुछ पुलिसकर्मियों को यह कहते हुए दिखाया कि खान ने उन्हें दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई करने से रोका था। यह पूछे जाने पर कि क्या स्टिंग के पीछे किसी का निहित स्वार्थ है, खान ने कहा कि हर किसी का कोई न कोई हित छिपा रहता है।
मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के तबादले में हाथ होने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि मीडिया को खुद जाकर उन अधिकारियों से बातचीत करनी चाहिए और वे उनकी तारीफ ही करेंगे। मुजफ्फरनगर में हुए सांप्रदायिक दंगों को लेकर नाराजगी से जुड़े सवाल पर आजम ने कहा कि ये महज अटकलें हैं और इनमें कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा, मीडिया सिर्फ मेरी खुशी और नाराजगी को भांपते ही अटकलें लगाना शुरू कर देता है, लेकिन इस वक्त इसकी कोई जरूरत नहीं है। जरूरत इस बात की है कि मुजफ्फरनगर में हालात सामान्य हों और दोनों तबकों के रिश्तों में सुधार हो।
दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना अहमद बुखारी की मुजफ्फरनगर यात्रा के बारे में पूछे जाने पर खान ने कहा कि देश में 125 करोड़ लोग रहते हैं और उनमें से कोई भी कहीं भी जा सकता है। देश का संविधान इसकी इजाजत देता है।
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