मशहूर NGO ऑक्सफैम इंडिया (Oxfam India) ने रविवार सुबह जारी एक बयान में कहा है कि FCRA लाइसेंस रद्द होने के बाद अब विदेशों से दान एंव चंदा नहीं लिया जा सकेगा, इस वजह से 16 राज्यों में चल रहे मानवीय और सामाजिक कार्यों गंभीर रूप से प्रभावित होंगे.
समूह ने कहा, "केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 1 जनवरी, 2022 को जारी सूची के अनुसार, ऑक्सफैम इंडिया के FCRA पंजीकरण नवीनीकरण अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया है... जिसका अर्थ है कि ऑक्सफैम इंडिया भारत में अपने किसी भी काम के लिए तुरंत प्रभाव से विदेशी धन प्राप्त नहीं कर पाएगा."
ऑक्सफैम इंडिया के सीईओ अमिताभ बेहर ने कहा, "गृह मंत्रालय के इस फैसले से संकट के समय में उन लोगों को राहत देने के संगठन के प्रयासों में बाधा आएगी, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी."
बेहर ने कहा, "... कोविड महामारी के इस काल में 16 राज्यों में चल रहे महत्वपूर्ण मानवीय और सामाजिक कार्यों में... जीवन रक्षक मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक इक्वीपमेंट्स जैसे ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना, जरूरतमंदों को ऑक्सीजन सिलेंडर और वेंटिलेटर प्रदान करना और समाज के सबसे कमजोर समुदायों को भोजन उपलब्ध कराने जैसा काम शामिल है."
The Government of India's decision to refuse renewal of Oxfam India's Foreign Contribution Regulation Act #FCRA registration will severely affect the ongoing humanitarian & social work in 16 states across the country. 🧵(1/7)https://t.co/Rt0hmwLcIc
— Oxfam India (@OxfamIndia) January 2, 2022
उन्होंने बयान में कहा, "वर्षों से हमारा काम हमेशा सार्वजनिक हित में रहा है और गरीबी के अन्याय को दूर करने के लिए स्थायी समाधान बनाने के सिद्धांत द्वारा निर्देशित किया जाता रहा है. इस उद्देश्य की पूर्ति में किसी को भी पीछे नहीं छोड़ना और भेदभाव को समाप्त कर एक स्वतंत्र और न्यायपूर्ण समाज बनाने का उद्देश्य रहा है."
We has been working in public interest with the government, communities and frontline workers for decades. This decision by #MHA will severely hamper these collaborations through which were providing relief to those who needed it the most during times of crisis. (2/7) pic.twitter.com/mRGIPT5oPz
— Oxfam India (@OxfamIndia) January 2, 2022
बता दें कि मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी का FCRA लाइसेंस रिन्यू नहीं किए जाने के बाद देशभर में करीब 12,000 से ज्यादा गैर सरकारी संगठनों (NGOs) का FCRA लाइसेंस शुक्रवार यानी 31 दिसंबर, 2021 को समाप्त हो गया. गृह मंत्रालय ने शनिवार सुबह कहा कि 6,000+ एनजीओ में से अधिकांश ने लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं किया था.
विदेशों से दान एवं चंदा प्राप्त करने के लिए Foreign Contribution Regulation Act-FCRA के तहत स्वयंसेवी संगठनों को लाइसेंस लेना पड़ता है.
FCRA लाइसेंस गंवाने वाले संस्थानों में ऑक्सफैम इंडिया ट्रस्ट, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और लेप्रोसी मिशन सहित कुल मिलाकर 12,000 से अधिक एनजीओ हैं. इनके अलावा ट्यूबरकुलोसिस एसोसिएशन ऑफ इंडिया, इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स और इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर भी इस लंबी लिस्ट में शामिल हैं.
ऑक्सफैम इंडिया और ऑक्सफैम इंडिया ट्रस्ट उन गैर सरकारी संगठनों की सूची में हैं जिनके एफसीआरए की वैधता सीमा प्रमाणपत्र समाप्त हो गए हैं और उस लिस्ट में नहीं जिनके प्रमाणपत्र रद्द कर दिए गए हैं. FCRA लाइसेंस उन्हीं का रद्द किया गया है जिन्होंने या तो नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं किया था, या उनके नवीनीकरण अनुरोध को खारिज कर दिया गया है.
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