'कोरोना' से मौत होने पर शव में धीरे-धीरे संक्रमण कम हो जाता है लेकिन कोई समय निर्धारित नहीं: ICMR

कोरोना वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद उसके शव से धीरे-धीरे कोविड-19 संक्रमण कम होने लगता है लेकिन शव को कब गैर-संक्रामक घोषित किया जा सकता है, इसकी कोई अवधि निश्चित नहीं है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने यह जानकारी दी.

'कोरोना' से मौत होने पर शव में धीरे-धीरे संक्रमण कम हो जाता है लेकिन कोई समय निर्धारित नहीं: ICMR

रोना वायरस के कारण देश में अब तक 3 हजार से अधिक लोगों की जान गई है (प्रतीकात्‍मक फोटो)

नई दिल्ली:

Covid-19 Pandemic: कोरोना वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद उसके शव से धीरे-धीरे कोविड-19 संक्रमण कम होने लगता है लेकिन शव को कब गैर-संक्रामक घोषित किया जा सकता है, इसकी कोई अवधि निश्चित नहीं है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने यह जानकारी दी. आईसीएमआर से मंगलवार को सवाल किया गया कि कोरोना वायरस का असर किसी शव से कितने दिनो में समाप्त होता है, तो उसने कहा कि इसकी कोई अवधि तय नहीं है, इसलिए किसी भी शव के संपर्क में आने वाले लोगों को आवश्यक सावधानी बरतनी चाहिए और पोस्टमार्टम के लिए ऐसी तकनीक अपनानी चाहिए, जिसमें चीर-फाड़ नहीं करनी पड़े.

आईसीएमआर ने ‘भारत में कोविड-19 से संक्रमित लोगों की मौत के बाद उनके शवों के लिए चिकित्सा-विधान संबंधी मानक दिशा निर्देशों' में कहा कि कोविड-19 श्वास संबंधी बीमारी है और ऐरोसॉल के जरिए फैलती है.

आईसीएमआर ने कोविड-19 के संदिग्ध मृतक के शव की (आरटी-पीसीआर) जांच रिपोर्ट में संक्रमित नहीं पाए जाने के बाद उसके पोस्टमार्टम से जुड़े प्रोटोकॉल संबंधी प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि कोविड-19 आरटी-पीसीआर से परिणाम में संक्रमण की पुष्टि नहीं होने संबंधी गलत परिणामों की अपेक्षाकृत अधिक दर होने के मद्देनजर हर मामले को संभावित कोरोना वायरस संक्रमण का मामला समझा जाएगा. उसने कहा, ‘‘इसलिए महामारी के दौरान इन शवों के पोस्टमार्टम में चीर-फाड़ नहीं करने की सलाह दी जाती है.''

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)