उत्तर प्रदेश में उन्नाव के डोंडियाखेड़ा गांव में राजा राव रामबख्श सिंह के खंडहर हो चुके किले में दबे बताए गए एक हजार टन सोने की खोज के लिए खुदाई का आज तीसरा दिन है।
खुदाई के दूसरे दिन खुदाई करने वाली एएसआई ने कह दिया है कि यहां कोई सोना नहीं मिलने वाला है। हालांकि साधु शोभन सरकार के समर्थक अपनी बात पर अब भी अड़े हुए हैं। महल के आसपास लगने वाला मेला अब लगभग खत्म हो गया है और आसपास सुरक्षा काफी बढ़ा दी गई है।
एएसआई अपने हिसाब से यहां काम कर रही है और जहां तक सोने की बात है तो उसने साफ कर दिया है कि डोंडिया खेड़ा
में कोई सोना नहीं है, खासकर खजाने का तो सवाल ही नहीं उठता है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि खजाना और बाबा की बात कहां से शुरू हुई। इस पर एएसआई का मानना है कि इन बातों के लिए स्थानीय प्रशासन जिम्मेदार है, जिसने वक्त रहते अफवाहों पर अंकुश नहीं लगाया और मीडिया ने मामले को और हवा दे दी।
एसएसआई के इस बयान पर बाबा शोभन सरकार के साथी नाराज है और वे 1000 टन सोने की बात पर कायम हैं। सरकार ने महल के आसपास पीएसी भी तैनात कर दी है। हालांकि इलाके के राजनीतिक कार्यकर्ता इस मामले में भी सियासत देख रहे हैं।
अच्छी बात यह रही कि एक दिन में लोगों के दिमाग पर चढ़ा खजाने का खुमार उतर गया। यहां लगा मेला भी उजड़ चुका है और बमुश्किल गिनती के लोग ही यहां बचे हैं। इससे पहले, किले में 1000 टन सोना दबे होने की भविष्यवाणी करने वाले साधु शोभन सरकार ने खुदाई शुरू होने से पहले खुदाई स्थल का भूमि पूजन किया और खुदाई के स्थान का चिन्हांकन किया।
खुदाई में सोने का खजाना मिलने में लगने वाले समय के बारे में पूछे जाने पर शोभन सरकार ने कहा था कि वह इस संबंध में कुछ नहीं कह सकते, यह बात तो पुरातत्वविद ही बता सकते हैं। वह इतना जरूर कह सकते है कि 1000 टन सोना किसी एक ही जगह पर नहीं मिलने वाला और इसके लिए किले में कई जगह पर खुदाई करनी पड़ेगी।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं