बीएसपी सुप्रीमो मायावती.
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश के विधान सभा में भले ही बहुजन समाज पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन उसकी कमाई पर इसका कोई भी असर नहीं पड़ा है. बुधवार को इलेक्शन वॉच की ओर से जारी रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक बसपा की कमाई में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है.
बसपा की कमाई में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी
नवंबर 2016 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया था. तो इसका सबसे तगड़ा विरोध करने वालों में से एक बसपा सुप्रीमो मायावती भी थीं. तब सियासी गलियारों में चर्चाएं हो रही थीं कि नोटबंदी की वजह से मायावती की बसपा को तगड़ा झटका लगा है. लेकिन अब इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट ने उन सब बातों पर पूर्ण विराम लगा दिया है. क्योंकि पीएम मोदी की नोटबंदी का जरा भी असर बीएसपी पर नहीं पड़ा है. इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक बसपा की 2015-16 की कुल आय 47.385 करोड़ हुआ करती थी. जो यूपी विधानसभा चुनाव से पहले मतलब 2016-17 में बढ़कर 173.58 करोड़ रुपये हो गई.
बीएसपी पर नहीं पड़ा नोटबंदी का कोई असर
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने चुनाव आयोग को सौंपे गए आय-व्यय के पूरे खाके का गहराई से अध्ययन किया है. एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी का मायावती की बहुजन समाज पार्टी पर थोड़ा से भी प्रभाव नहीं पड़ा. बल्कि उसकी कमाई में छप्परफाड़ उछाल आया और विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी खूब चंदा मिला. लेकिन खर्च सिर्फ 30 प्रतिशत ही किया. आपको बता दें कि साल 2016 की शुरुआत में बसपा की कुल आय जहां 47.385 करोड़ रुपये थी वहीं साल बीतते बीतते यह आय पौने दो सौ करोड़ रुपये के करीब पहुंच गई. चुनाव के दौरान मायावती का कुल खर्च 51.83 करोड़ रुपये ही रहा.
कमाई में दूसरे नंबर पर सीपीएम
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक कमाई के मामले में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) सेकेंड नंबर पर है. साल 2016-17 में सीपीएम की कमाई 100.256 करोड़ रुपये रही. जबकि सीपीएम का कुल खर्च 94.056 करोड़ रुपये रहा. वहीं एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी तीसरे नंबर पर रही, एनसीपी की आय 17.235 करोड़ रुपये रही और खर्च 24.967 करोड़ हुआ.
सबसे ज्यादा घाटा तृणमूल कांग्रेस को
सबसे ज्यादा घाटा ममता बनर्जी की ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस को उठाना पड़ा. ममता की पार्टी की इनकम 6.39 करोड़ थी और खर्च 24.26 करोड़ रुपये हुआ. यानी ममता बनर्जी का खर्च 17.87 करोड़ रुपये आय से अधिक रहा. ममता बनर्जी की 2015-16 में आय 34.578 करोड़ रुपये थी.
बीजेपी-कांग्रेस ने ब्यौरा ही नहीं दिया
चुनाव आयोग को सौंपे गए आय-व्यय के ब्योरे के विश्लेषण में जानकारी देने वाली कुल पांच राष्ट्रीय पार्टियां शामिल हैं. इन पाचों पार्टियों ने अपना आय-व्यय का पूरा विवरण चुनाव आयोग को दिया था. वहीं जो इस पूरे मामले में एक बात और है जो सबसे चोंकाने वाली रही. इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी और कांग्रेस ने चुनाव आयोग को अपना ब्योरा ही नहीं दिया. जिस वजह से बीजेपी और कांग्रेस का आय-व्यय का कोई हिसाब नहीं निकल पाया. आपको बता दें कि 2015-16 में दिए गए ब्योरे के मुताबिक बीजेपी की कमाई सबसे ज्यादा 570.86 करोड़ थी. वहीं इस दौरान कांग्रेस की कमाई 261.56 करोड़ रुपए थी.
बसपा की कमाई में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी
नवंबर 2016 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया था. तो इसका सबसे तगड़ा विरोध करने वालों में से एक बसपा सुप्रीमो मायावती भी थीं. तब सियासी गलियारों में चर्चाएं हो रही थीं कि नोटबंदी की वजह से मायावती की बसपा को तगड़ा झटका लगा है. लेकिन अब इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट ने उन सब बातों पर पूर्ण विराम लगा दिया है. क्योंकि पीएम मोदी की नोटबंदी का जरा भी असर बीएसपी पर नहीं पड़ा है. इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक बसपा की 2015-16 की कुल आय 47.385 करोड़ हुआ करती थी. जो यूपी विधानसभा चुनाव से पहले मतलब 2016-17 में बढ़कर 173.58 करोड़ रुपये हो गई.
बीएसपी पर नहीं पड़ा नोटबंदी का कोई असर
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने चुनाव आयोग को सौंपे गए आय-व्यय के पूरे खाके का गहराई से अध्ययन किया है. एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी का मायावती की बहुजन समाज पार्टी पर थोड़ा से भी प्रभाव नहीं पड़ा. बल्कि उसकी कमाई में छप्परफाड़ उछाल आया और विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी खूब चंदा मिला. लेकिन खर्च सिर्फ 30 प्रतिशत ही किया. आपको बता दें कि साल 2016 की शुरुआत में बसपा की कुल आय जहां 47.385 करोड़ रुपये थी वहीं साल बीतते बीतते यह आय पौने दो सौ करोड़ रुपये के करीब पहुंच गई. चुनाव के दौरान मायावती का कुल खर्च 51.83 करोड़ रुपये ही रहा.
कमाई में दूसरे नंबर पर सीपीएम
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक कमाई के मामले में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) सेकेंड नंबर पर है. साल 2016-17 में सीपीएम की कमाई 100.256 करोड़ रुपये रही. जबकि सीपीएम का कुल खर्च 94.056 करोड़ रुपये रहा. वहीं एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी तीसरे नंबर पर रही, एनसीपी की आय 17.235 करोड़ रुपये रही और खर्च 24.967 करोड़ हुआ.
सबसे ज्यादा घाटा तृणमूल कांग्रेस को
सबसे ज्यादा घाटा ममता बनर्जी की ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस को उठाना पड़ा. ममता की पार्टी की इनकम 6.39 करोड़ थी और खर्च 24.26 करोड़ रुपये हुआ. यानी ममता बनर्जी का खर्च 17.87 करोड़ रुपये आय से अधिक रहा. ममता बनर्जी की 2015-16 में आय 34.578 करोड़ रुपये थी.
बीजेपी-कांग्रेस ने ब्यौरा ही नहीं दिया
चुनाव आयोग को सौंपे गए आय-व्यय के ब्योरे के विश्लेषण में जानकारी देने वाली कुल पांच राष्ट्रीय पार्टियां शामिल हैं. इन पाचों पार्टियों ने अपना आय-व्यय का पूरा विवरण चुनाव आयोग को दिया था. वहीं जो इस पूरे मामले में एक बात और है जो सबसे चोंकाने वाली रही. इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी और कांग्रेस ने चुनाव आयोग को अपना ब्योरा ही नहीं दिया. जिस वजह से बीजेपी और कांग्रेस का आय-व्यय का कोई हिसाब नहीं निकल पाया. आपको बता दें कि 2015-16 में दिए गए ब्योरे के मुताबिक बीजेपी की कमाई सबसे ज्यादा 570.86 करोड़ थी. वहीं इस दौरान कांग्रेस की कमाई 261.56 करोड़ रुपए थी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं