बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा भवन शताब्दी वर्ष समारोह (Bihar Vidhan Sabha Bhawan Centenary Year Celebration) का रविवार को शुभारंभ किया. इस अवसर पर नीतीश ने कहा कि विधानमंडल के सत्र की अवधि बढ़ाने की विपक्ष की मांग पर विधानसभा के स्पीकर और विधान परिषद के कार्यकारी सभापति मिलकर फैसला लेंगे.
नीतीश कुमार ने कहा कि सदन अधिक से अधिक दिनों तक चले. इसमें सदस्य अधिक से अधिक सवाल सदन के समक्ष रख सकें और उसका समाधान हो सके. नीतीश ने बिहार विधानमंडल विस्तारित भवन के सेंट्रल हॉल में दीप प्रज्ज्वलित कर बिहार विधानसभा भवन शताब्दी वर्ष शुभारंभ का उद्घाटन किया. नीतीश ने कहा कि कुछ सदस्यों ने विधानमंडल के सत्र की अवधि बढ़ाने की बात की है. लेकिन विधानसभा के स्पीकर और विधान परिषद के कार्यकारी सभापति ही इस पर निर्णय ले सकते हैं.
नीतीश ने कहा कि जो भी सदस्य विधायक या विधान पार्षद के रूप में निर्वाचित होते हैं वे सभी जनता के प्रतिनिधि हैं. लोकतंत्र जनता का शासन है. लोग अपने बीच से एक प्रतिनिधि चुनकर शासन के लिए भेजते हैं. चाहे सत्ता पक्ष के हों या विपक्ष के, सभी जनप्रतिनिधि सरकार के अंग होते हैं. आज कई जनप्रतिनिधियों ने जो बातें कही हैं, उन सब बातों पर गौर करना जरूरी है. जनप्रतिनिधियों की बातें सुनना और उसका समाधान करना सरकार का दायित्व है.
लोकतंत्र की मजबूती के लिए सभी जनप्रतिनिधियों की भूमिका महत्वपूर्ण है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना टीकाकरण का प्रथम चरण चल रहा है. दूसरा चरण भी जल्द शुरू होगा. नीतीश ने जानकारी दी बिहार विधानसभा शताब्दी वर्ष समारोह पूरे साल चलेगा. इस समारोह में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भी शामिल होंगे.
नीतीश ने सुझाव दिया कि एक दिन ऐसा भी कार्यक्रम रखें जिसमें पूर्व विधायकों, विधान पार्षदों को भी आमंत्रित किया जाए ताकि हम उनके अनुभवों को सुनकर उनका लाभ उठा सकें. कार्यक्रम को विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद एवं रेणु देवी, संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, विधान पार्षद रामचंद्र पूर्वे, विधायक अजीत शर्मा समेत अन्य व्यक्ति उपस्थित रहे.
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