फरीदाबाद:
नितिन गडकरी के दूसरी बार बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ हो गया है। फरीदाबाद के सूरजकुंड में हो रही बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के तीसरे और अंतिम दिन गडकरी को दूसरे कार्यकाल के लिए बीजेपी का अध्यक्ष चुने जाने को लेकर पार्टी के संविधान में संशोधन को राष्ट्रीय परिषद ने मंजूरी दे दी है। बीजेपी अध्यक्ष के तौर पर गडकरी का मौजूदा कार्यकाल इस साल दिसंबर में समाप्त होगा, जिसके बाद उन्हें दिसंबर, 2015 तक के लिए फिर से अध्यक्ष चुना जाना तय है।
आज इस बैठक में बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों का भाषण होगा, जिसमें गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण सबसे अहम होगा। इस बैठक में समापन भाषण लालकृष्ण आडवाणी देंगे।
इससे पहले, गुरुवार को नितिन गडकरी पर महाराष्ट्र सिंचाई घोटाले की लीपापोती करने की कोशिश करने के आरोप का मुद्दा पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में छाया रहा। पार्टी ने सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर हमला बोला और आर्थिक सुधारों के लिए उठाए गए उसके कदमों को तुरंत वापस लेने की मांग की।
एक महिला कार्यकर्ता ने आरोप लगाया है कि गडकरी ने उसे एनसीपी के अंतर्गत महाराष्ट्र में सिंचाई परियोजनाओं में हुई कथित गड़बड़ियों का मुद्दा उठाने से रोक दिया था। इस बयान के बाद गडकरी विवादों में घिर गए हैं। पूरे दिन पार्टी इन आरोपों से बचने की कोशिश करती रही और शाम को गडकरी ने आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि दमानिया को कानूनी नोटिस भेजकर तत्काल झूठी, निराधार और मानहानिकरक टिप्पणियों को वापस लेने तथा सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की मांग की।
एक ओर पार्टी ने गडकरी पर लगे आरोपों का खंडन किया है, तो दूसरी ओर उन्होंने इस पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे दिन की मुख्य बातों में आर्थिक प्रस्ताव शामिल रहा, जिसमें मल्टी-ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के निर्णय को वापस लेना और वर्ष 2004 से अब तक के उन सभी कोल ब्लॉकों का आवंटन रद्द करना, जिन पर घोटाले का दाग लगा है, की बात की गई है।
राष्ट्रीय परिषद् द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव में कोल-गेट कांड की जांच करने के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की भी मांग की गई। प्रस्ताव में डीजल मूल्य में बढ़ोतरी को तुरंत वापस लेने, घरेलू गैस सिलेंडरों की सीमा को समाप्त करने की मांग की गई है और सरकार से उर्वरकों के दाम तत्काल कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा गया है।
प्रस्ताव पेश करते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा, बीजेपी राष्ट्रीय हित के सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है। सुधार वह नहीं हैं, जिन्हें पश्चिमी शक्तियां परिभाषित करती हैं...यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह विदेशों द्वारा तय सुधार की परिभाषा को स्वीकार कर लेते हैं। जेटली ने कहा, सुधार लोगों के हित में होने चाहिए, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सुधार शब्द बदनाम हो रहा है...प्रत्येक बदलाव सुधार नहीं होता है और जो देश के खिलाफ जा रहा हो वह सुधार-विरोधी है और हमें उसे अवश्य अस्वीकार करना चाहिए। प्रस्ताव में कहा गया, सरकार से लोगों के हितों में सुधार की आशा होती है। जैसे काला धन वापस लाना और भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर निर्णय लेना, इसके बावजूद यह (सरकार) अपने जनता-विरोधी प्रशासनिक निर्णयों को बिग-बैंग सुधार की तरह प्रचारित कर रही है।
(इनपुट भाषा से भी)
आज इस बैठक में बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों का भाषण होगा, जिसमें गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण सबसे अहम होगा। इस बैठक में समापन भाषण लालकृष्ण आडवाणी देंगे।
इससे पहले, गुरुवार को नितिन गडकरी पर महाराष्ट्र सिंचाई घोटाले की लीपापोती करने की कोशिश करने के आरोप का मुद्दा पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में छाया रहा। पार्टी ने सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर हमला बोला और आर्थिक सुधारों के लिए उठाए गए उसके कदमों को तुरंत वापस लेने की मांग की।
एक महिला कार्यकर्ता ने आरोप लगाया है कि गडकरी ने उसे एनसीपी के अंतर्गत महाराष्ट्र में सिंचाई परियोजनाओं में हुई कथित गड़बड़ियों का मुद्दा उठाने से रोक दिया था। इस बयान के बाद गडकरी विवादों में घिर गए हैं। पूरे दिन पार्टी इन आरोपों से बचने की कोशिश करती रही और शाम को गडकरी ने आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि दमानिया को कानूनी नोटिस भेजकर तत्काल झूठी, निराधार और मानहानिकरक टिप्पणियों को वापस लेने तथा सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की मांग की।
एक ओर पार्टी ने गडकरी पर लगे आरोपों का खंडन किया है, तो दूसरी ओर उन्होंने इस पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे दिन की मुख्य बातों में आर्थिक प्रस्ताव शामिल रहा, जिसमें मल्टी-ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के निर्णय को वापस लेना और वर्ष 2004 से अब तक के उन सभी कोल ब्लॉकों का आवंटन रद्द करना, जिन पर घोटाले का दाग लगा है, की बात की गई है।
राष्ट्रीय परिषद् द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव में कोल-गेट कांड की जांच करने के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की भी मांग की गई। प्रस्ताव में डीजल मूल्य में बढ़ोतरी को तुरंत वापस लेने, घरेलू गैस सिलेंडरों की सीमा को समाप्त करने की मांग की गई है और सरकार से उर्वरकों के दाम तत्काल कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा गया है।
प्रस्ताव पेश करते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा, बीजेपी राष्ट्रीय हित के सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है। सुधार वह नहीं हैं, जिन्हें पश्चिमी शक्तियां परिभाषित करती हैं...यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह विदेशों द्वारा तय सुधार की परिभाषा को स्वीकार कर लेते हैं। जेटली ने कहा, सुधार लोगों के हित में होने चाहिए, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सुधार शब्द बदनाम हो रहा है...प्रत्येक बदलाव सुधार नहीं होता है और जो देश के खिलाफ जा रहा हो वह सुधार-विरोधी है और हमें उसे अवश्य अस्वीकार करना चाहिए। प्रस्ताव में कहा गया, सरकार से लोगों के हितों में सुधार की आशा होती है। जैसे काला धन वापस लाना और भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर निर्णय लेना, इसके बावजूद यह (सरकार) अपने जनता-विरोधी प्रशासनिक निर्णयों को बिग-बैंग सुधार की तरह प्रचारित कर रही है।
(इनपुट भाषा से भी)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं