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This Article is From Mar 20, 2020

'आखिरी पल' तक भी फांसी से बचने की कोशिश करते रहे निर्भया के चारों दोषी

मामले के दोषियों और उनके वकील की ओर से आखिरी क्षणों तक फांसी को टालने की कोशिश की जाती रही इसके लिए इन्‍होंने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका लगाई लेकिन याचिका खारिज होने के साथ ही इनकी आखिरी उम्‍मीद भी धराशायी हो गई. चारों दोषियों मुकेश, अक्षय, विनय और पवन को शुक्रवार तड़केफांसी पर लटका दिया गया.

'आखिरी पल' तक भी फांसी से बचने की कोशिश करते रहे निर्भया के चारों दोषी
निर्भया मामले के चारोंं दोष‍ियों को शु्क्रवार सुबह फांसी दे दी गई
नई दिल्ली:

Nirbhaya Case: निर्भया मामले के चारों दोषियों को शुक्रवार सुबह फांसी दे दी गई. मामले के दोषियों और उनके वकील की ओर से आखिरी क्षणों तक फांसी को टालने की कोशिश की जाती रही इसके लिए इन्‍होंने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका लगाई लेकिन याचिका खारिज होने के साथ ही इनकी आखिरी उम्‍मीद भी धराशायी हो गई. चारों दोषियों मुकेश, अक्षय, विनय और पवन को शुक्रवार तड़केफांसी पर लटका दिया गया. सात साल से ज्यादा लंबे संघर्ष के बाद आखिरकर निर्भया को इंसाफ मिला. कोर्ट की तरफ से मौत की सजा सुनाए जाने के बाद कई तारीखें तय की गईं लेकिन दोषी कोई न कोई कानूनी पैंतरा अपनाकर फांसी टालने में सफल हो जाते थे. गुरुवार देर रात को भी दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी मामले को लेकर सुनवाई चली और इनके सारे पैंतरे फेल हो गए. इसके बाद शुक्रवार सुबह साढ़े 5 बजे दोषियों को तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में फांसी पर लटका दिया गया. यह पहला मौका है जब तिहाड़ में चार अपराधियों को एक साथ फांसी पर लटकाया गया है.

मामले के एक दोषी पवन की ओर से राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खरिज किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. इस मामले में उसके वकील शम्स ख्वाजा ने कहा कि पवन की ओर से राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज करते समय सभी तथ्यों पर गौर नहीं किया. जस्टिस मनमोहन सिंह और जस्टिस संजीव नरूला की बेंच के सामने मामले की सुनवाई हुई. कोर्ट ने ख्वाजा से कहा कि अब मेरिट पर बहस करने का वक्त नहीं है. दोषियों के वकील शम्स ख्वाजा ने कहा कि राष्ट्रपति ने दया याचिका पर ठीक से विचार नहीं किया. राष्ट्रपति ने यौन उत्पीड़न मामलों में अपनी भावनाएं सार्वजनिक की थीं. उन्होंने कहा था कि अपराधी रहम के लायक नहीं हैं. वे पहले से पक्षपाती थे. उनसे सही निर्णय की उम्मीद कैसे की जा सकती है. इस पर जज ने कहा आप ये दलीलें अब क्यों दे रहे हैं. छह घंटे बाद फांसी होने वाली है.

वकील ने कहा ये तथ्य पहले रखे ही नहीं गए. जज ने कहा कि अगर आप अपनी पिछली जेब में कुछ रखेंगे तो यह आपकी गलती है. आपको पहले ही इसे कोर्ट के सामने रखना चाहिए था. अगर आप दलीलें जारी रखना चाहते हैं तो हम इसे सुबह साढ़े पांच बजे तक सुनते हैं. फिर हम आदेश जारी करेंगे. दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने कहा कि जो भी दलीलें दी जा रही हैं उन पर बहस हो चुकी है कुछ भी नया नहीं है. याचिका सुनवाई योग्य नहीं है.दिल्ली हाईकोर्ट ने एपी सिंह की उन सभी दलीलों को मानने से इनकार कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि अलग-अलग फ़ोरम में दोषियों की याचिकाएं लंबित हैं. हाई कोर्ट ने याचिकाएं खारिज कर दीं.

बाद में दोषियों के वकीलों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई, इसे भी कोर्ट ने खारिज कर दिया. जस्‍ट‍िस भानुमति ने कहा कि याचिकाकर्ता की यह दलील की अभी नाबालिग होने के तथ्य पर कोई फैसला नहीं हुआ है इस दलील में कोई आधार नहीं है.जबकि कोर्ट पहले ही इसे खारिज कर चुका है. बता दें कि देर रात सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के दोषियों की फांसी पर रोक पर सुनवाई की. जस्टिस आर भानुमति की पीठ ने मामले की सुनवाई की. इससे पहले निर्भया के दोषियों ने फांसी से कुछ ही घंटों पहले आखिरी चाल चली जो कामयाब नहीं हुई.रात करीब 3:30 बजे सुप्रीम कोर्ट यह याचिका खारिज कर दी. 

वीडियो: दिल्ली के तिहाड़ जेल में निर्भया के दोषियों को हुई फांसी

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