पूर्व टेस्ट क्रिकेटर एवं बीजेपी नेता नवजोत सिंह सिद्धू की फाइल फोटो
चंडीगढ़:
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक कार्यक्रम में जब से बीजेपी नेता नवजोत सिंह सिद्धू की तारीफ की, तब से बीजेपी के इस पूर्व सांसद की आम आदमी पार्टी में जाने की चर्चा गरम है। हालांकि, सिद्धू ने इसे लेकर अभी तक चुप्पी साध रखी है।
दरअसल बीजेपी में हाशिये पर चल रहे सिद्धू को सियासत में एक नए हमसफ़र की जरूरत है। पिछले हफ्ते दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान भरी महफ़िल में सीएम केजरीवाल के मुंह से सिद्धू की तारीफ के बाद आम आदमी पार्टी में इस पूर्व क्रिकेटर की दूसरी पारी को लेकर कयास लगने भी शुरू हो गए हैं।
पंजाब में साल 2017 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं। लोकसभा चुनाव में चार सीटें जीतने वाली आप पंजाब की राजनीति में तीसरा विकल्प बनकर उभरी है, लेकिन पार्टी के पास मुख्यमंत्री पद के लिए कोई जाना-पहचाना चेहरा नहीं, जो कांग्रेस के कैप्टन अमरिंदर सिंह और सीएम प्रकाश सिंह बादल की शख्सियत का मुक़ाबला कर सके।
सिद्धू के पार्टी के शामिल होने को लेकर आप फिलहाल ना इककार कर रही है और न इनकार। आप के पंजाब प्रभारी संजय सिंह ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में गोल मोल बयान दिया। उन्होंने कहा, 'हमारे पास नेताओं की कोई कमी नहीं है, जो प्रदेश को नेतृत्व दे सकें... हम सही वक़्त पर सही फैसला लेंगे।'
उधर, बड़बोले माने जाने वाले सिद्धू भी इस सवाल पर खामोश हैं और उनकी चुप्पी से कयासों को मज़बूती मिल रही है। बादल सरकार में मंत्री उनकी पत्नी खुलेआम कह चुकी हैं कि अगर बीजेपी अगला चुनाव अकाली दल के साथ मिलकर लड़ेगी, तो उनके रास्ता अलग होगा। वहीं केजरीवाल की टिप्पणी पर बोलीं, 'ये बहुत बड़ी बात है कि कोई आपकी कदर करता है...'
गौरतलब है कि पिछले साल लोकसभा चुनावों के बाद से ही बीजेपी में सिद्धू के सितारे गर्दिश में हैं। पार्टी में अब उनकी पहले जैसी पूछ नहीं रही। उनके जैसा स्टार प्रचारक बिहार चुनाव से लापता रहा... इतना काफी है यह अंदाज़ा लगाने के लिए कि सिद्धु की नेट प्रैक्टिस चालू है और राजनीति का यह खिलाड़ी जल्द ही नई टीम की जर्सी में दिख सकता है।
दरअसल बीजेपी में हाशिये पर चल रहे सिद्धू को सियासत में एक नए हमसफ़र की जरूरत है। पिछले हफ्ते दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान भरी महफ़िल में सीएम केजरीवाल के मुंह से सिद्धू की तारीफ के बाद आम आदमी पार्टी में इस पूर्व क्रिकेटर की दूसरी पारी को लेकर कयास लगने भी शुरू हो गए हैं।
पंजाब में साल 2017 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं। लोकसभा चुनाव में चार सीटें जीतने वाली आप पंजाब की राजनीति में तीसरा विकल्प बनकर उभरी है, लेकिन पार्टी के पास मुख्यमंत्री पद के लिए कोई जाना-पहचाना चेहरा नहीं, जो कांग्रेस के कैप्टन अमरिंदर सिंह और सीएम प्रकाश सिंह बादल की शख्सियत का मुक़ाबला कर सके।
सिद्धू के पार्टी के शामिल होने को लेकर आप फिलहाल ना इककार कर रही है और न इनकार। आप के पंजाब प्रभारी संजय सिंह ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में गोल मोल बयान दिया। उन्होंने कहा, 'हमारे पास नेताओं की कोई कमी नहीं है, जो प्रदेश को नेतृत्व दे सकें... हम सही वक़्त पर सही फैसला लेंगे।'
उधर, बड़बोले माने जाने वाले सिद्धू भी इस सवाल पर खामोश हैं और उनकी चुप्पी से कयासों को मज़बूती मिल रही है। बादल सरकार में मंत्री उनकी पत्नी खुलेआम कह चुकी हैं कि अगर बीजेपी अगला चुनाव अकाली दल के साथ मिलकर लड़ेगी, तो उनके रास्ता अलग होगा। वहीं केजरीवाल की टिप्पणी पर बोलीं, 'ये बहुत बड़ी बात है कि कोई आपकी कदर करता है...'
गौरतलब है कि पिछले साल लोकसभा चुनावों के बाद से ही बीजेपी में सिद्धू के सितारे गर्दिश में हैं। पार्टी में अब उनकी पहले जैसी पूछ नहीं रही। उनके जैसा स्टार प्रचारक बिहार चुनाव से लापता रहा... इतना काफी है यह अंदाज़ा लगाने के लिए कि सिद्धु की नेट प्रैक्टिस चालू है और राजनीति का यह खिलाड़ी जल्द ही नई टीम की जर्सी में दिख सकता है।
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