न्यू फरक्का एक्सप्रेस हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई थी जबकि कम से कम 30 लोग घायल हुए थे
नई दिल्ली:
न्यू फरक्का एक्सप्रेस हादसे के सिलसिले में रेलवे ने बृहस्पतिवार को दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया. वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि जांच में कोई बाधा नहीं आए इसलिये सिग्नल इंस्पेक्टर और इलेक्ट्रिकल सिग्नल मेंटेनर को निलंबित किया गया है. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘पहली नजर में दुर्घटना की वजह गलत सिग्नल देना है. रेलवे सुरक्षा आयोग के मुख्य आयुक्त की सिफारिश पर हमने दो लोगों को निलंबित कर दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी साक्ष्य से छेड़छाड़ ना हो.’ रेलवे बोर्ड के कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) ने जांच प्रांरभ करते हुए एक इलेट्रॉनिक सिग्नल मेंटेनर (esm) और एक सिग्नल इंसपेक्टर को संस्पेंड कर दिया है. उत्तर प्रदेश में रायबरेली के निकट बुधवार को न्यू फरक्का एक्सप्रेस का इंजन और कई डिब्बे पटरी से उतर गए थे. हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई थी जबकि कम से कम 30 लोग घायल हुए थे.
रेल मंत्रालय ने उत्तरी सर्किल के रेल सुरक्षा आयोग से दुर्घटना की जांच कराने के आदेश देने के साथ-साथ हादसे में मारे गये लोगों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को एक-एक लाख रुपये और कम जख्मी लोगों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी. वहीं प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजन को दो-दो लाख तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता का एलान किया था. मण्डल रेल प्रबन्धक (डीआरएम) सतीश कुमार ने बताया था कि पश्चिम बंगाल के मालदा टाउन स्टेशन से नयी दिल्ली जा रही ट्रेन का इंजन और आठ डिब्बे बुधवार की सुबह करीब छह बजे उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में हरचन्दपुर के बाबापुर के पास पटरी से उतर गये थे. इस हादसे में पांच यात्रियों अजय कुमार पुरी (45), अनीता (45), शम्भू (20), रीता (एक) तथा दिनेश (दो) की मौत हो गयी. सभी मृतक बिहार के रहने वाले थे. दुर्घटना में करीब 24 अन्य लोग घायल भी हुए हैं. उन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
इस बीच, हादसे में मरने वालों की संख्या को लेकर भ्रम की स्थिति भी उत्पन्न हुई. प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) कानून-व्यवस्था आनंद कुमार ने सुबह बताया कि हादसे में सात लोगों की मौत हुई है लेकिन बाद में डीआरएम सतीश कुमार ने मृतकों की संख्या पांच बतायी. उन्होंने कहा कि पहले कुछ भ्रम हुआ था लेकिन बाद में जब जांच की गयी तो यह संख्या पांच ही निकली. शाम को एडीजी कुमार ने भी मरने वालो की संख्या पांच बताई. सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि गंभीर रूप से घायल लोगों में से चार का इलाज लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय में चल रहा है जबकि दो लोग संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती हैं. उन्होंने बताया कि अन्य घायलों को इलाज के लिए रायबरेली ले जाया गया है. रेल मंत्रालय ने बताया कि यात्रियों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है. दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन के अन्य करीब 1000 यात्रियों को बसों से लखनऊ भेजा गया है जहां से वे अपनी आगे की यात्रा करेंगे.
अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों को नयी दिल्ली ले जाने के लिए विशेष ट्रेन की व्यवस्था की गई है जो लखनऊ से रवाना होगी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हादसे में लोगों की मौत पर शोक जताया. प्रधानमंत्री कार्यालय ने मोदी को उद्धृत करते हुए ट्वीट में कहा, ‘रायबरेली में ट्रेन दुर्घटना में हुई लोगों की मौत से बहुत दुखी हूं. मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिवार के साथ हैं और मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं.’ रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मृतकों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को एक-एक लाख रुपये और कम जख्मी लोगों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.
रेल मंत्रालय ने उत्तरी सर्किल के रेल सुरक्षा आयोग से दुर्घटना की जांच कराने के आदेश देने के साथ-साथ हादसे में मारे गये लोगों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को एक-एक लाख रुपये और कम जख्मी लोगों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी. वहीं प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजन को दो-दो लाख तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता का एलान किया था. मण्डल रेल प्रबन्धक (डीआरएम) सतीश कुमार ने बताया था कि पश्चिम बंगाल के मालदा टाउन स्टेशन से नयी दिल्ली जा रही ट्रेन का इंजन और आठ डिब्बे बुधवार की सुबह करीब छह बजे उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में हरचन्दपुर के बाबापुर के पास पटरी से उतर गये थे. इस हादसे में पांच यात्रियों अजय कुमार पुरी (45), अनीता (45), शम्भू (20), रीता (एक) तथा दिनेश (दो) की मौत हो गयी. सभी मृतक बिहार के रहने वाले थे. दुर्घटना में करीब 24 अन्य लोग घायल भी हुए हैं. उन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
इस बीच, हादसे में मरने वालों की संख्या को लेकर भ्रम की स्थिति भी उत्पन्न हुई. प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) कानून-व्यवस्था आनंद कुमार ने सुबह बताया कि हादसे में सात लोगों की मौत हुई है लेकिन बाद में डीआरएम सतीश कुमार ने मृतकों की संख्या पांच बतायी. उन्होंने कहा कि पहले कुछ भ्रम हुआ था लेकिन बाद में जब जांच की गयी तो यह संख्या पांच ही निकली. शाम को एडीजी कुमार ने भी मरने वालो की संख्या पांच बताई. सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि गंभीर रूप से घायल लोगों में से चार का इलाज लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय में चल रहा है जबकि दो लोग संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती हैं. उन्होंने बताया कि अन्य घायलों को इलाज के लिए रायबरेली ले जाया गया है. रेल मंत्रालय ने बताया कि यात्रियों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है. दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन के अन्य करीब 1000 यात्रियों को बसों से लखनऊ भेजा गया है जहां से वे अपनी आगे की यात्रा करेंगे.
अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों को नयी दिल्ली ले जाने के लिए विशेष ट्रेन की व्यवस्था की गई है जो लखनऊ से रवाना होगी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हादसे में लोगों की मौत पर शोक जताया. प्रधानमंत्री कार्यालय ने मोदी को उद्धृत करते हुए ट्वीट में कहा, ‘रायबरेली में ट्रेन दुर्घटना में हुई लोगों की मौत से बहुत दुखी हूं. मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिवार के साथ हैं और मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं.’ रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मृतकों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को एक-एक लाख रुपये और कम जख्मी लोगों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.
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