केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने एमबीबीएस एवं दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए इस साल होने वाली संयुक्त मेडिकल प्रवेश परीक्षा से राज्य बोर्डों को बाहर रखने संबंधी अध्यादेश पर कुछ सवाल उठाने के बाद आज हस्ताक्षर कर दिए । आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सभी सवालों के समाधान के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के पहुंचने के बाद राष्ट्रपति ने आज सुबह इस अध्यादेश को लागू कर दिया।
राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (NEET) के संदर्भ में राष्ट्रपति ने स्पष्टीकरण मांगा था जिस पर जवाब देने के लिए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी आज सुबह स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ राष्ट्रपति सचिवालय में मौजूद थे।
राष्ट्रपति ने पूछा था नड्डा से सवाल
इससे पहले राष्ट्रपति ने अध्यादेश पर कानूनी सलाह मांगी थी। राष्ट्रपति ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से पूछा था कि आखिर क्यों सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से सहमति जताने के बाद अब सरकार इस मामले में पलटी मार रही है।
सात राज्यों का NEET के तहत आने का फैसला
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इस बाबत कहा, 1 मई से NEET लागू हो गया है। राज्यों ने हमें अपनी समस्याएं (अलग पाठ्यक्रम और क्षेत्रीय भाषा) बताई थी, जो वे सुप्रीम कोर्ट के सामने नहीं रख पाए थे। ताजा स्थिति के मुताबिक, जो राज्य चाहें NEET के दायरे में आ सकते हैं।
नड्डा ने यह भी जानकारी दी कि सात राज्यों की परीक्षा NEET के तहत हो रही है। बिहार ने भी NEET के तहत आने का फैसला किया है। दिल्ली ने अभी तक NEET पर फैसला नहीं किया है। वह आना चाहे तो आ सकता है। कुछ राज्यों ने विकल्प चुना यूपी बाहर हो गया और बिहार NEET के दायरे में आ गया। सभी निजी संस्थान NEET के दायरे में होंगे। इस साल दिसबंर में पीजी की परीक्षा NEET के तहत ही होगी।
NEET से जुड़ी पांच बड़ी बातें
राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (NEET) के संदर्भ में राष्ट्रपति ने स्पष्टीकरण मांगा था जिस पर जवाब देने के लिए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी आज सुबह स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ राष्ट्रपति सचिवालय में मौजूद थे।
राष्ट्रपति ने पूछा था नड्डा से सवाल
इससे पहले राष्ट्रपति ने अध्यादेश पर कानूनी सलाह मांगी थी। राष्ट्रपति ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से पूछा था कि आखिर क्यों सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से सहमति जताने के बाद अब सरकार इस मामले में पलटी मार रही है।
सात राज्यों का NEET के तहत आने का फैसला
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इस बाबत कहा, 1 मई से NEET लागू हो गया है। राज्यों ने हमें अपनी समस्याएं (अलग पाठ्यक्रम और क्षेत्रीय भाषा) बताई थी, जो वे सुप्रीम कोर्ट के सामने नहीं रख पाए थे। ताजा स्थिति के मुताबिक, जो राज्य चाहें NEET के दायरे में आ सकते हैं।
नड्डा ने यह भी जानकारी दी कि सात राज्यों की परीक्षा NEET के तहत हो रही है। बिहार ने भी NEET के तहत आने का फैसला किया है। दिल्ली ने अभी तक NEET पर फैसला नहीं किया है। वह आना चाहे तो आ सकता है। कुछ राज्यों ने विकल्प चुना यूपी बाहर हो गया और बिहार NEET के दायरे में आ गया। सभी निजी संस्थान NEET के दायरे में होंगे। इस साल दिसबंर में पीजी की परीक्षा NEET के तहत ही होगी।
NEET से जुड़ी पांच बड़ी बातें
- राष्ट्रपति ने NEET अध्यादेश को मंज़ूरी दी
- इसी साल से NEET लागू
- राज्यों को NEET से एक साल की छूट
- राज्य चाहें तो NEET के तहत आ सकते हैं
- इस साल से ही प्राइवेट कॉलेज NEET के दायरे में
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