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This Article is From Aug 03, 2020

यमुना को पुनर्जीवित करने के लिये 1994 के जल समझौते पर दोबारा काम करने की जरूरत: एनजीटी समिति

एनजीटी द्वारा गठित यमुना निगरानी समिति ने यमुना नदी में सालभर पर्यावरण प्रवाह सुनिश्चित करने के लिये 1994 में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के बीच जल बंटवारे को लेकर हुई संधि पर दोबारा काम करने की सिफारिश की है.

यमुना को पुनर्जीवित करने के लिये 1994 के जल समझौते पर दोबारा काम करने की जरूरत: एनजीटी समिति
यमुना नदी में सालभर प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए ऐसा कहा गया है.
नई दिल्ली:

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा गठित यमुना निगरानी समिति ने यमुना नदी में सालभर पर्यावरण प्रवाह सुनिश्चित करने के लिये 1994 में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के बीच जल बंटवारे को लेकर हुई संधि पर दोबारा काम करने की सिफारिश की है.

एनजीटी के सेवानिवृत विशेषज्ञ सदस्य बी एस साजवान और दिल्ली की पूर्व मुख्य सचिव शैलजा चंद्रा की सदस्यता वाली इस दो सदस्यीय समिति ने ''नदी के दिल्ली वाले हिस्से में पर्यावरण प्रवाह'' पर मसौदा रिपोर्ट के आधार पर यह सिफारिश की.

समिति ने कहा, ''हथिनी कुंड बैराज में अनुशंसित ई-प्रवाह की अनुमति देने के लिये जल शक्ति मंत्रालय, अपर यमुना रिवर बोर्ड और उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और दिल्ली 1994 के जल समझौते पर दोबारा काम करें.''
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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